भोपाल,चालू महीने से स्कूल बसों के किराए में 20 फीसदी बढ़ोत्तरी कर दी गई है, जिससे अभिभावकों को 200 से 250 रुपए बस किराया का अधिक भुगतान करना पड़ेगा। स्कूल बस एसोसिएशन ने 20 प्रतिशत फीस बढ़ाकर स्कूलों को सौंप चुके हैं। वहीं पालक संघ का का कहना है कि स्कूल बस का किराया बढ़ाया जा रहा है, लेकिन सुविधाएं जस की तस है। अभिभावक कुछ स्कूल बसों में न तो जीपीएस और न ही स्पीड गवर्नर लगे हैं। इसके अलावा कुछ बसों में न तो सीट बेल्ट और न ही महिला अटेंडेंट नजर आती हैं। साथ ही बस ड्रायवरों का लायसेंस भी नहीं होता है। स्कूल बस एसोसिएशन का कहना है कि बस में सुविधा पूरी चाहिए। बस का बीमा 48 हजार रुपए से बढ़ाकर 68 हजार 500 रुपए कर दिया गया है। रजिस्ट्रेशन फीस 1700 रुपए बढ़ गई है। बसों में जीपीएस व स्पीड गवर्नर की फीस 7500 रुपए तक बढ़ गई है, बस के हाइपोथिकेशन की फीस 200 रुपए से बढ़ाकर 3 हजार रुपए कर दी गई, बसों में ड्रायवर, कंडक्टर के अलावा महिला अटेंडेंट भी रखना है, इसलिए बस किराया में बढ़ोत्तरी की गई है।
स्कूल बस ऑनर्स एसोसिएशन ने जिला प्रशासन और आरटीओ को स्कूल बसों की नई किराया सूची सौंपे हैं। एसोसिएशन ने किराया बढ़ोत्तरी के पीछे के तर्क संबंधी पूरी सूची सौंपे हैं। उन्होंने तर्क दिया है कि 2016 से 2018 तक स्कूल बसों में होने वाले खर्च में लगातार वृद्धि हुई है। 2016 में डीजल के दाम 49.80 रुपए थे, जो बढ़कर 66.21 रुपए हो गए हैं। फिटनेस की फीस 500 से बढ़कर 800 रुपए कर दी गई है। परमीट फीस 750 से 1500 रुपए तक पहुंच गई, इसलिए किराया बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं जीपीएस पर 200 से 400 रुपए और स्पीड गवर्नर पर 3500 से 7500 रुपए कर दिया गया है। इस संबंध में स्कूल एवं कॉलेज बस ओनर्स एसोसिएशन के सचिव सुनील दुबे का कहना है कि सभी स्कूलों को बढ़ा हुए बस किराया की सूची सौंप दी गई है। अप्रैल से बढ़ा हुआ किराया लागू हो जाएगा। स्कूल बसों के मेंटनेंस में काफी खर्च होता है, इसलिए इस बार बस किराया में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।