लखनऊ , उत्तर प्रदेश के दो जिलों इलाहाबाद और सिद्धार्थनगर में कुछ अराजक तत्वों द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है। मूर्ति तोड़े जाने के बाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। इलाहाबाद के झूंसी में त्रिवेणीपुरम के पास शुक्रवार देर रात डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ा गया है। शनिवार की सुबह जब स्थानीय लोगों ने क्षतिग्रस्त प्रतिमा को देखा तो हंगामा शुरू हो गया। देखते ही देखते यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और सैकड़ों की संख्या में लोग मौके पर एकत्र हो गए। आक्रोषित भीड़ ने नारेबाजी करते हुए दोषियों को पकड़ने की मांग की। फिलहाल घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच में जुटी हुई है। घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पार्क में लगी मूर्ति क्षतिग्रस्त होने की खबर मिलते ही सपा और बसपा के नेता और कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए। दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं ने पार्क में धरना देते हुए नई मूर्ति लगाने और मूर्ति तोड़ने वालों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे हैं। तनाव को देखते हुए पुलिस तैनात कर दी गई है। फूलपुर सांसद नागेंद्र पटेल भी मौके पर पहुंचे गए हैं। इनका आरोप है कि सूबे की सरकार बाबा साहब पर राजनीति तो कर रही लेकिन उनकी मूर्ति की सुरक्षा नहीं कर पा रही है।
उधर, सिद्धार्थनगर जिले में भी कुछ शरारती तत्वों ने मूर्ति का दहिना हाथ तोड़ दिया है। शनिवार सुबह डुमरियागंज थाना क्षेत्र के गौहनिया गांव में यह घटना हुई। घटना से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने शरारती तत्वों की गिरफ्तारी के साथ मूर्ति बदलने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये थे। घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस फौरन हरकत मे आयी और मौके पर पहुंचे। डुमरियागंज के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह भी मौके पहुंचे और इस मामले में सपा और बसपा की साजिश करार दिया। घटना के बाद जिला पुलिस एवं प्रषासन के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने को गम्भीरता से लेते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों तथा जिला पुलिस प्रमुखों को अपने-अपने जिलों में स्थापित महापुरुषों की मूर्तियों की सुरक्षा के सम्बन्ध में पूरी सतर्कता बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की किसी भी सूरत में पुनरावृत्ति ना हो। साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाएं। इसके लिए सभी जन प्रतिनिधियों सहित समाज के गण्यमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक करके शान्ति व्यवस्था बनाए रखने में उनका सहयोग लिया जाए।