भोपाल,मध्यप्रदेश में किसानों को 2004 -05 के वित्तीय वर्ष में 2 रुपए 18 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिल रही थी, जो 2017 -18 में 5 रुपये 37 पैसे प्रति यूनिट पर मिल रही है। पिछले 13 सालों में लगभग हर साल बिजली की प्रति यूनिट दरें बढ़ती रही हैं। बिल भी पिछले 13 सालों में कई गुना बढ़ चुके हैं। किसानों के बिजली बिल पिछले 13 साल में कई गुना बढ़ गए हैं, जिसके कारण किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं में बिजली बिलों को लेकर सबसे ज्यादा गुस्सा अब दिखने लगा है।
मध्य प्रदेश विधानसभा के होने वाले चुनाव में इस वर्ष बिजली का सबसे बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। पिछले 13 वर्षों में बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भ्रष्ट तरीके से आम आदमियों से रिश्वत लेने के नए-नए तौर-तरीके विकसित हो गए हैं। चोरी के आरोप में झूठे मुकदमे बनाना ज्यादा बिल बनाकर बिल को कम करके भ्रष्टाचार करना, इस विभाग में बड़ी आम बात हो गई है। बिजली की दरें लगातार बढ़ने के बाद भी 24 घंटे बिजली सप्लाई का जो वायदा सरकार द्वारा किया गया था, वह भी सरकार द्वारा पूरा नहीं होने से इस चुनाव में बिजली बड़ा मुद्दा बनेगा।
उपभोक्ताओं की नाराजगी का शिकार भाजपा को उठाना पड़ेगा। उल्लेखनीय है 2003 में सड़क बिजली, पानी सबसे बड़ा मुद्दा बना था। पिछले 14 वर्षों में सड़कों की हालत में तो थोड़ा सुधार हुआ है, बिजली की सप्लाई भी ठीक हुई है, किंतु बिजली के बिलों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है।
13 साल में 150 फीसदी महंगी बिजली खरीद रहे किसान
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