प्रीती आत्महत्याकांड पर दूसरे दिन भी VS में हंगामा, नहीं चला प्रश्नोत्तरकाल, दो बार स्थगित हुई विधानसभा

भोपाल,राज्य विधानसभा में आज दूसरे दिन भी प्रिती आत्महत्या कांड को लेकर जबर्दस्त हंगामा हुआ। प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही विपक्षी सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ गई। विपक्षी सदस्य प्रिती आत्महत्या कांड पर सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर आसंदी के समक्ष पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने गर्भग्रह में पहुंचकर भाजपा तेरा यही नारा,,,बेटी को बचाओ और बहु को मारो,,, के नारे लगाए। आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष डा सीतासरण शर्मा ने सदस्यों को शांत होने और अपनी सीटों पर जाकर बैठने का आग्रह किया लेकिन विपक्षी सदस्य कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। हंगामे और शोरशराबे के बीच अध्यक्ष ने पहली बार दस मिनट के लिए विधानसभा स्थगित करने की घोषणा की। जब दुबारा विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई तो पुन: विपक्षी सदस्यों ने पुरानी मांग को लेकर हंगामा शुरु कर दिया। अध्यक्ष के बार-बार समझाने का असर भी जब विपक्षी सदस्यों पर नहीं हुआ तो उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पूर्व सदन की कार्यवाही जैसे ही प्रारंभ हुई विपक्षी सदस्य राम निवास रावत तथा आरिफ ने अपने सीट से खडे होकर कहा कि सबसे पहले कांग्रेस विधायक दल द्वारा पूर्व में दिए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करवाई जाए, इसके बाद ही सदन की कार्यवाही आगे बढाई जाए। इसके जवाब में अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि पहले प्रश्नोत्तरकाल चलने दिया जाए उसके बाद में सबकी बात सुन लूंगा। अध्यक्ष की आश्वासन को अनसुना करते हुए विपक्षी सदस्यों ने हंगामा जारी रखा। भारी शोरशराबे के बीच संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है। इस बीच कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने कहा कि सरकार अपराधी का बचाव कर रही है। अध्यक्ष के समझाने पर भी जब विपक्षी सदस्यों का शोरशराबा बंद नहीं हुआ तो अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। पुन: विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई तो विपक्षी सदस्य फिर वही मांग दोहराने लगे। कांग्रेस विधायक श्री रावत ने कहा कि आप घोषणा करिए कि शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाएगी। इतना सुनते ही अध्यक्ष श्री शर्मा भडक गए। उन्होंने सदस्य से कहा कि आप इस तरह की जबर्दस्ती नहीं कर सकते है कि पहले घोषणा करो, फिर सदन चलने देंगे। ये ठीक नहीं है। भारी शोरशराबे के बीच संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है। विपक्षी सदस्य सदन चलाने नहीं देना चाहते हैं। यह घोर आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि जनता की गाढी कमाई से सदन चलता है, जनता की कमाई की बर्बादी है। इस बीच श्री रावत ने आरोप लगाया कि सरकार मंत्री को बचाना चाहती है इसीलिए चर्चा नहीं करवाना चाह रही है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने भी कहा कि विधानसभा की कार्यवाही चलना चाहिए, इस तरह का व्यवधान ठीक नहीं है। जब विपक्षी सदस्यों का शोरशराबा बंद नहीं हुआ तो अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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