नई दिल्ली,राजधानी दिल्ली में एंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) में बड़ा घोटाला सामने आया है। ईपीएफओ के द्वारका स्थित ऑफिस में ईपीएफओ ने जिस कंपनी को डेटा एंट्री जैसे काम करने का ठेका दिया, उसके कुछ कर्मचारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप लग रहा है। शुरुआती जांच में करीब 4 करोड़ रु निकालने की सूचना है। यह पैसा देशभर में प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वाले हजारों कर्मचारियों का है। इस मामले में द्वारका सेक्टर-23 थाने में ईपीएफओ की ओर से सोमवार रात शिकायत दर्ज की गई थी, जिस पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। पुलिस ने मामला दर्ज करके ईपीएफओ ऑफिस के एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ कर पता लगाया जा रहा कि घोटाला कितना बड़ा है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं। फर्जीवाड़े की जानकारी वित्तवर्ष खत्म होने के सिलसिले में ईपीएफओ के अकाउंट्स के मिलान के दौरान हुई। देखा जा रहा है कि ऑनलाइन कैश ट्रांजेक्शन की रकम खातों में जमा रकम से मेल नहीं खा रही थी। कुछ ट्रांजेक्शन ऐसे अकाउंटस में पाए गए, जिनकी जानकारी ईपीएफओ के सीनियर ऑफिसर्स को भी नहीं है। पहले ईपीएफओ की ओर से ही इस मामले की इंटरनल जांच कराई गई थी।
– जमापूंजी पर डाका
ईपीएफओ के इस ऑफिस में दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश के ऑनलाइन अकाउंट हैंडल किए जाते हैं। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का काम ईपीएफओ ने आउटसोर्स कर रखा है। विभिन्न अकाउंटों की डेटा एंट्री करने समेत अन्य ऑनलाइन काम जिस कंपनी को दिए गए, उसी के कुछ कर्मचारियों ने फर्जीवाड़ा करके करीब 10 फर्जी नामों और एड्रेस पर बैंक अकाउंट खुलवा लिए। इन्हीं में ईपीएफओ के करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए। माना जा रहा है कि घोटाले की रकम काफी ज्यादा हो सकती है।