नई दिल्ली, 20 मार्च और 2 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में होने वाले समारोह में 84 हस्तियों को ये पद्म अवॉर्ड दिए जाएंगे। इसी बीच खबर है कि पद्म पुरस्कारों के लिए 8 राज्य सरकारों, 7 राज्यपालों और 14 केंद्रीय मंत्रियों ने कुछ हस्तियों की सिफारिश की थी। गृह मंत्रालय के दस्तावेजों के मुताबिक, 2018 के पद्म पुरस्कारों के लिए 35 हजार 595 नामांकन आए थे। इसका ऐलान 25 जनवरी को किया गया था। सभी नामांकन राज्य सरकारों, गवर्नरों, मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, पूर्व पद्म पुरस्कार विजेताओं और संगठनों की तरफ से किए गए थे। इनमें से केवल 84 शख्सियतों को पद्म पुरस्कारों के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। इन लोगों को चुनने के लिए 10 सदस्यीय चयन समिति बनाई गई थी।
इन राज्यों ने की थी सिफारिश
तमिलनाडु ने 6, हरियाणा ने 5, जम्मू-कश्मीर ने 9, कर्नाटक ने 44, उत्तराखंड ने 15, बिहार-राजस्थान ने 4 और दिल्ली ने पद्म पुरस्कारों के लिए 7 नामों की सिफारिश की थी। चयन समिति ने किसी की सिफारिशें नहीं मानीं।
इन राज्यपालों की सिफारिशें रद्द
पश्चिम बंगाल के गवर्नर केशरी नाथ त्रिपाठी ने 11, हरियाणा गवर्नर कप्तान सिंह सोलंकी ने 7, जम्मू-कश्मीर के एनएन वोहरा ने 4, यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने 10, गुजरात के गवर्नर ओपी कोहली ने 2, केरल के पी.सतशिवम ने 2 और पुदुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी ने एक नाम की सिफारिश भेजी थी, जिन्हें रद्द कर दिया गया।
14 केंद्रीय मंत्रियों ने भेजी सिफारिशें
अरुण जेटली ने 1, मेनका गांधी ने 4, प्रकाश जावड़ेकर ने 6,रामविलास पासवान ने 4, सुरेश प्रभु ने 12, थावरचंद गहलोत ने 16, अर्जुनराम मेघवाल ने 4, अश्विनी कुमार चौबे ने 2, सीआर चौधरी ने 3, हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने 2, गिरिराज सिंह ने 2, महेश शर्मा ने 8, मुख्तार अब्बास नकवीने 2, रामकृपाल यादव ने 4 सिफारिशें भेजीं। इनमें से कोई भी सिफारिश नहीं मानी गई।
एक मंत्री की ही मानी
चयन समिति ने आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम की एक सिफारिश मानी। उन्होंने कमेटी को 10 नाम भेजे थे।