भोपाल,मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरूण यादव एवं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज नई दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत से मुलाकात कर मध्यप्रदेश में मतदाता सूचियों में व्यापक पैमाने पर हुई गड़बड़ियों की जांच और मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण विधानसभा चुनाव 2018 के पूर्व करवाने की मांग की है। नेता द्वय अरूण यादव एवं अजय सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त को दिए गए पत्र में कहा है कि हाल ही में कोलारस और मुंगावली में हुए उपचुनाव में और भोपाल की मतदाता सूची में गड़बड़ियों के मामले सामने आए हैं। यहां की मतदाता सूची में 8068 ऐसे मतदाताओं के नाम जुड़े थे जिनकी मृत्यु हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में व्यापक पैमाने पर कई मतदाताओं के 2 या 3 स्थानों पर नाम दर्ज हैं। पत्र में कहा गया कि विधानसभा चुनाव में हजार, दो हजार नामों की गड़बड़ी मतदाता सूची में हो जाती है तो इससे चुनाव परिणाम प्रभावित होता है। साथ ही आयोग की निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव की मंशा पर भी पानी फिर जाता है।
पत्र में कहा गया कि वर्ष 2018 के अंत में मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होना है। इसलिए यह आवश्यक है कि इसके पूर्व सभी मतदाता सूचियों की सघनता से जांच की जाए और फर्जी जुड़े मतदाताओं के नाम को विलोपित किया जाए। पत्र में यह भी सुझाव दिया गया कि जो अधिकारी मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य करे, सबसे पहले उनकी कर्तव्यनिष्ठा का ध्यान रखा जाए और उन्हें सख्त हिदायत हो कि उनके द्वारा पुनरीक्षित की गई मतदाता सूची में अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही होगी। पत्र में यह भी सुझाव दिया गया है कि नए मतदाताओं के नाम भी जोड़े जाने पर अतिरिक्त सर्तकता बरती जाए तथा जांच के बाद कानून और नियमों के अनुसार ही नाम जोड़े जाए।
चुनाव के दौरान हटाए गए अधिकारी कर्मचारियों की पुनः उसी स्थान पर पोस्टिंग न हो
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत को दिए गए एक अन्य पत्र में फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाने का मामला उजागर होने के बाद आयोग के निर्देश पर अशोकनगर कलेक्टर बाबूसिंह जामौद को हटाने के बाद पुनः कलेक्टर अशोकनगर बनाए जाने के राज्य शासन के आदेश को चुनाव आयोग को चुनौती देना बताया है। श्री सिंह ने पत्र में लिखा कि मुंगावली उपचुनाव के दौरान मतदाता सूची की जांच में 1800 मतदाता फर्जी पाए गए। इस पर आयोग ने अशोकनगर कलेक्टर को दोषी पाते हुए हटाया था। श्री सिंह ने कहा कि उपचुनाव के दस दिन बाद ही राज्य शासन ने पुनः श्री जामौद को अशोकनगर कलेक्टर बना दिया। यह स्थिति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की दृष्टि से आपत्तिजनक है साथ ही चुनाव आयोग को ठेंगा दिखा देने जैसा है। श्री सिंह ने कहा कि इसके पूर्व भी सीहोर और भिंड जिले में बुधनी और अटेर विधानसभा उपचुनाव में भी राज्य सरकार ने ऐसा ही किया था।
श्री सिंह ने पत्र में कहा कि मेरा सुझाव है कि जो अधिकारी चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन करने, गड़बड़ी करने और सत्तारूढ़ पार्टी को मदद करने के कारण चुनाव आयोग के निर्देश पर हटाए जाए, सर्वप्रथम उसकी उसी स्थान पर पुनः पोस्टिंग न हो और उन्हें चुनाव के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न दी जाए।