नई दिल्ली,गौरी लंकेश हत्याकांड में अवैध हथियारों के सौदागर केटी नवीन कुमार की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक पुलिस के विशेष जांच दल ने अदालत से उसके नार्को टेस्ट की इजाज़त ले ली है। इस टेस्ट के जरिए जांच दल वह जानकारी नवीन से उगलवाना चाहता है, जो वह उससे छिपा रहा है। नार्को के साथ विशेष जांच दल नवीन का ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफिक टेस्ट भी करवाने की सोच रहा है। गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में नार्को टेस्ट तो होता है, लेकिन ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफिक टेस्ट नही होता। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नार्को टेस्ट अहमदाबाद और बाक़ी दो टेस्ट क्या दिल्ली या हैदराबाद में करवाए जाएंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल हम अपने स्तर पर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं कि अदालत के आदेशानुसार टेस्ट कब कराया जाए, कहां कराया जाए। किसी आरोपी से सच उगलवाने के लिए नार्को टेस्ट सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तय मापदंडों के मुताबिक किया जाता है, जिसमें स्थानीय अदालत की इजाज़त ज़रूरी होती है। इस टेस्ट में आरोपी को एक खास तरह का इंजेक्शन सरकारी डॉक्टर और वकील की मौजूदगी में दिया जाता है और पूरी प्रक्रिया की ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिग की जाती है। 33 साल के केटी नवीन कुमार को फिलहाल बेंगलुरु की एक अदालत ने 26 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बेंगलुरु सेंट्रल जेल से सीधे अदालत में होगी। कर्नाटक के मंडया के रहने वाले नवीन को 18 फरवरी को सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने बेंगलुरु के मैजेस्टिक बस स्टैंड से पकड़ा था। बाद में गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी ने उसे अदालत के आदेश पर हिरासत में लिया था। बता दें कि गौरी लंकेश हत्याकांड में यह पहली गिरफ्तारी है।