लंदन,प्रदूषण किसी भी तरह का हो, हर किसी को नुकसान पहुंचाता है। जब हम इससे इतना प्रभावित होते हैं, तो तो फिर गर्भ में पल रहे नाजुक भ्रूण को कितना प्रभावित करता होगा, यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। एक अध्ययन में सामने आया है कि प्रदूषण के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों के मानसिक विकास में दिक्कत आई। बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के अध्ययन में कहा गया है कि मामूली प्रदूषण भी गर्भ में पल रहे भ्रूण में मानसिक विकार का कारण बन सकता है। इसके कारण उन्हें किसी भी काम में ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो सकती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि धूल और धुएं के कारण स्कूली बच्चों की मानसिक संरचना में बदलाव आ सकता है।
प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर मोनिका गॉक्सेन्स ने बताया बच्चों के एमआरआई स्कैन में देखा गया है आत्म नियंत्रण के लिए जिम्मेदार मस्तिष्क के हिस्सों की बाहरी परत काफी पतली थी। यह उन बच्चों के साथ था, जिनकी माताएं यूरोपियन यूनियन द्वारा सुरक्षित करार दिए गए प्रदूषण के स्तर में रही हैं। यह अध्ययन बायोलॉजिकल साकाइटरी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने नीदरलैंड के 783 बच्चों का स्कैन लिया और उनकी मांओं के आंकड़ों का अध्ययन किया। इस दौरान इन पर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और अन्य पार्टीकुलेटेड मैटर के प्रभाव का अध्ययन किया गया।