भोपाल, प्रदेश विधानसभा में बुधवार को महिला अपराधों की रोकथाम के लिए ग्रहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने घोषणा की कि स्वतंत्र एजेंसी से वैज्ञानिक सर्वे कराया जाएगा। उसके बाद सख्त कानून बनाने के साथ ही संवेदनशील स्थानों पर महिलाओं के सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम कराए जाएंगे। यह जानकारी उन्होंने प्रश्नोत्तरकाल के दौरान कांग्रेस विधाकय जितू पटवारी द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश में 37 प्रतिशत महिला उत्पीडन के मामलों में बढोत्तरी हुई है। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए इतनी व्यवस्थाओं के बावजूद अपराध क्यों बढ रहे हैं। जवाब में श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में महिला अपराधों को रोकने सख्त कानूनों के प्रावधान की जरुरत है। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसके लिए मप्र विधानसभा में दो दंड विधि विधेयक 2017 में लाए, जिसमें अपराधियों को फांसी की सजा देने तक का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि महिला अपराधों में बढोत्तरी की समसया मात्र मप्र तक सीमित नहीं है, यह अन्य राज्यों में भी है। उन्होंने बताया कि रेप के मामलों में वर्ष 1993 से 2005 में हमारा प्रदेश देश में टॉप 3 राज्यों में शामिल था। 2011 में आठवें नंबर पर रहा। सामूहिक बलात्कार के मामले में 21 वें स्थान पर रहा। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के मान से देखे तो इसमें कमी आई है।उन्होंने कहा कि आज महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकना एक चुनौती है। सबसे ज्याद छेडछाड की घटनाएं हो रही है। इन अपराधों की रोकथाम के लिए शहरों में स्वतंत्र एजेंसी से वैज्ञानिक सर्वे कराया जाएगा। यह सर्वे स्कूल/कालेज तथा जिन स्थानों पर सर्वाधिक अपराध होते हैं, वहां जाकर महिलाओं/बच्चियों से कारण जानने के प्रयास किए जाएंगे। ऐसे स्थानों को चिन्हित कर अभियान चलाया जाएगा और अपराधियों को जेल में डाला जाएगा। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि महिला अपराधों को रोकने को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है।