रायपुर,केंद्रीय जांच ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ सरकार में 1988 बैच के प्रमुख सचिव, बीएल अग्रवाल के खिलाफ और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है .उनके अलावा जिन दो लोगों पर मामला दर्ज किया है,उनमें एक ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) और दूसरा हैदराबाद (तेलंगाना) का रहना वाला है. सीबीआई अन्य 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता आर/डब्ल्यू धारा यू एस 120-बी के तहत मामला दर्ज हुआ है. इसके पहले अग्रवाल के पांच ठिकानों पर शनिवार रात सीबीआई ने छापा मारा था.
करीब सात साल पहले आयकर विभाग ने जब अग्रवाल के यहां छापा डाला था, तब उन्होंने अपने लॉकर को भाई का बताया था. जिसे आयकर विभाग ने जांच के लिए सीबीआई को सौंपा था. सूत्रों के अनुसार अग्रवाल हवाला कारोबारी के जरिए मामले को रफा-दफा करना चाह रहे थे. सीबीआई की टीम ने सराफा कारोबारी के ठिकाने पर देर रात दबिश दी. फिर आईएएस और दोनों सराफा कारोबारियों के कनेक्शन खंगाले गए.
सीबीआई के अधिकारी आईपीएस पंकज रस्तोगी के नेतृृत्व में यहां अग्रवाल के देवेंद्रनगर के सरकारी बंगले और रामसागरपारा के आवास में छापा मारा गया। इस कार्रवाई के लिए सीबीआई के चार अधिकारी दिल्ली से आए हैं. एक टीम भिलाई-3 के ठिकाने पर भेजी गई.
यह पूरा मामला करीब 800 करोड से अधिक की गड़बड़ी का है. 2010 के छापे में बीएल अग्रवाल के ठिकानों तथा बैंक लॉकरों की जांच में 220 बैंक खाते की जानकारी सामने आई थी. लॉकर से नगद राशि और जेवर मिले थे, अग्रवाल सीबीआई से समझौता करने की कोशिश कर रहे थे. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष सुनील सोनी के यहां सदरबाजार और झांसी के सराफा कारोबारी सोनू पांडेय के ठिकानों पर भी दबिश दी गई है. दोनों कारोबारी पुराने नोट कमीशन में लेकर सोने के बिस्कुट बेच रहे थे.