विधानसभा में मीडिया पर असंसदीय टिप्पणी को लेकर हंगामा,सत्तापक्ष ने कहा विपक्ष माफी मांगे,विपक्ष ने कहा सत्ता पक्ष गुमराह कर रहा

भोपाल,मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को मीडिया पर असंसदीय टिप्पणी को लेकर जबर्दस्त हंगामें के चलते कार्यवाही दस मिनट तक स्थगित रही। सदन की कार्यवाही दोबारा जैसे ही शुरु हुई सत्ता पक्ष ने विपक्ष से असंसदीय टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग को लेकर पुन: हंगामा शुरु कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने विषय समाप्त हो जाने का हवाला देते हुए कार्यवाही को आगे बढ़ाने की बात कही, लेकिन इस बीच भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा।
दरअसल प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने जनसंपर्क विभाग संबंधित प्रश्न को लेकर ऐसा कुछ कह दिया था जिसे सत्ता पक्ष ने असंसदीय टिप्पणी करार देते हुए उनसे माफी मांगने की मांग रख दी। इसके साथ ही जबर्दस्त हंगामा हुआ जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित रही। दोबारा कार्यवाही शुरु हुई तो सत्ता पक्ष ने पुन: मांग को दोहराते हुए हंगामा शुरु कर दिया। इस पर विस अध्यक्ष शर्मा ने विषय समाप्त होने की बात कही, लेकिन सत्ता पक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा। इसी बीच अध्यक्ष की अनुमति से राज्यमंत्री विश्वास सारंग ने अपनी बात रखते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत मीडिया चौथा स्तंभ है और उस पर अशोभनीय टिप्पणी की गई है। इसलिए माफी मांगी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञापन देना हमारा अधिकार है और विज्ञापन लेना मीडिया का अधिकार है। वहीं कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि हम सभी मीडिया का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष को इंगित करते हुए सदस्य ने कुछ कहा है, किन्तु मीडिया को कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि सदन की कार्रवाई दिखवा लें, ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है, जैसा कि आरोप सत्ता पक्ष के सदस्य लगा रहे हैं। इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। इस पर जनसंपर्क मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वो मुख्य सचेतक कांग्रेस की बात से सहमत हैं कि सदन की कार्रवाई दिखवा लें। इस पर विपक्ष के कुछ सदस्यों ने एक साथ बोलना शुरु कर दिया, जिससे शोर-गुल शुरु हो गया। इसी शोर में कांग्रेस विधायक कुंवर विक्रम सिंह ने कहा कि आसंदी को भ्रमित किया जा रहा है। इसी के साथ कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी और तरुण भानोट ने भी सत्ता पक्ष पर सदन को भ्रमित करने का आरोप लगाया। जबकि सत्ता पक्ष के सदस्य अंतिम घड़ी तक विपक्ष को माफी मांगने के लिए बाध्य करने की कोशिश करते नजर आए।

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