मुंबई,कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी में संसदीय प्रक्रिया के प्रति बहुत सम्मान का भाव था। शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सोनिया ने वर्ष 2014 में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए से कांग्रेस की हार पर कहा “अन्य मुद्दों’’ के अलावा दो बार सत्ता में रहने के कारण यूपीए सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “हम पिछड़ गए थे। नरेंद्र मोदी ने जिस तरह अपना प्रचार किया हम उसकी बराबरी नहीं कर पाए।” मोदी पर उन्होंने कहा, “मैं उन्हें एक व्यक्ति के तौर पर नहीं जानती हूं। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान हम धुर विरोधी थे। लेकिन हमने सही ढंग से काम किया।”
पीएम मोदी को सलाह दिए जाने के बारे में पूछने पर सोनिया ने कहा, “ मैं उन्हें सलाह देने की हिमाकत नहीं कर सकती। ऐसा करने के लिए उनके पास बहुत से लोग हैं।” प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “लोगों से झूठ नहीं बोलें और वह वादे न करें जो पूरे नहीं कर सकते।” उन्होंने कांग्रेस द्वारा “नरम हिंदुत्व” का रवैया अपनाने की बात को खारिज किया। गुजरात चुनाव में राहुल के मंदिर जाने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “हमारे विरोधी हमें मुस्लिम पार्टी बताते हैं। हम पहले भी मंदिर जाते रहे हैं लेकिन हमने इसका दिखावा नहीं किया है।”
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि उन्होंने साल 2004 में मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के तौर पर इसलिए चुना था क्योंकि उन्हें अपनी सीमाओं का ज्ञान था और वह जानती थीं कि मनमोहन इस पद के लिए एक बेहतर उम्मीदवार हैं। सोनिया ने कहा कि अगर उनकी पार्टी तय करती है तो वे वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में लड़ेंगी। राहुल गांधी को सलाह देने के संबध में सवाल पर उन्होंने कहा, “वे अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। यदि उन्हें जरूरत होगी तो मैं उनके साथ हूं। मैं आगे बढ़कर सलाह देने की कोशिश नहीं करती। वे पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ कुछ नए चेहरों को पार्टी में लाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “वे युवा और वरिष्ठों में संतुलन चाहते हैं। लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वे पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की भूमिका और योगदान को महत्व देते हैं।” सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को संगठन के स्तर पर लोगों से जुड़ने का नया तरीका विकसित करना होगा। उन्होंने कहा, “हमें यह भी देखना होगा कि हम अपने कार्यक्रमों और नीतियों को किस तरह से सामने रखते हैं।”
सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद उन्हें अपने लिए ज्यादा समय मिलता है। उन्होंने कहा, “मेरे पास अपने लिए ज्यादा वक्त है।। पढ़ने और फिल्में देखने का। मैं, मेरी सास (इंदिरा गांधी) और पति (राजीव गांधी) के पुराने कागजों को सुव्यवस्थित कर रही हूं। मैं उनका डिजिटलीकरण कराऊंगी। ये कागज मेरी सास द्वारा उनके बेटे (राजीव) को लिखे गए पत्र और उनका जवाब हैं। वे मेरे लिए भावनात्मक तौर पर मूल्यवान हैं।”