मुंबई,माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर ने थाणे की एक अदालत में बताया कि उसने अपनी गिरफ्तारी से पहले दाऊद इब्राहिम से फोन पर बात की थी। इस पर जज ने उससे दाऊद इब्राहिम का फोन नंबर पूछा। इस पर कासकर ने सफाई दी कि जिस नंबर से फोन आया था वह उसके फोन के स्क्रीन पर दिखाई नहीं दे रहा था। कासकर ने कहा उसे नहीं पता है कि दाऊद फिलहाल कहां है। कासकर के वकील श्याम केसवानी ने बीच में दखल देते हुए कहा कि पहले दाऊद इब्राहिम भारत लौटना चाहता था और वकील राम जेठमलानी ने इसके लिए मध्यस्थता करने की भी कोशिश की थी। दाऊद की शर्त यह थी कि उसे मुंबई के आर्थर रोड पर स्थित जेल में रखा जाए, लेकिन सरकार ने उसकी शर्त मानने से इंकार कर दिया था। केसवानी ने कहा कि इसी वजह से दाऊद भारत नहीं लौट पाया।
थाणे पुलिस ने कासकर और उसके गैंग के सदस्यों के खिलाफ पिछले साल दर्ज फिरौती के तीसरे मामले में इकबाल कासकर को पुलिस हिरासत में देने की मांग की। यह मामला मुंबई का है। श्याम सुंदर अग्रवाल नामक एक शख्स ने बोरिवली में एक प्लॉट खरीदा था। कासकर के लोगों ने अग्रवाल को धमकी दी, उससे करोड़ों रुपये की फिरौती ली और प्लॉट भी किसी और को सौंपने देने को मजबूर किया। वकील श्याम सुंदर केसवानी ने कोर्ट से कहा कि कासकर को डायबिटीज और पैर में चोट की वजह से इलाज की जरूरत है। जज ने पुलिस से कहा कि कासकर का किसी सरकारी अस्पताल में इलाज कराएं। कासकर 9 मार्च तक पुलिस हिरासत में रहेगा।
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एम.एन. सिंह ने भी यह खुलासा किया था कि दाऊद भारत आना चाहता था और इसके लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी से संपर्क किया था। एम.एन. सिंह के मुताबिक उस वक्त राम जेठमलानी का संदेश लेकर महेश जेठमलानी उनसे मिलने आए थे। उन्होंने बताया था कि दाऊद सरेंडर करना चाहता है, लेकिन उसकी कुछ शर्तें हैं। पहली शर्त थी कि मुंबई पुलिस उसका एनकाउंटर नहीं करेगी। दूसरी शर्त थी कि उस पर केवल मुंबई बलास्ट केस का ट्रायल चलाया जाएगा। दाऊद की तीसरी शर्त थी कि उसे जेल में रखने के बजाय हॉउस अरेस्ट रखा जाए।
इकबाल कासकर ने स्वीकार किया दाऊद से फोन पर की थी बात
