नई दिल्ली, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश यादव को पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने दोनों को 2 लाख निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। पाटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को मीसा भारती और उनके पति को सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने कहा है कि वह बिना अदालत की इजाजत के देश छोडक़र नहीं जा सकते हैं। यह मामला कंपनी मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट के नाम पर दिल्ली में एक फार्म हाउस की खरीद से जुड़ा है। इस मामले में निदेशालय मीसा भारती से पूछताछ कर चुका है। मीसा भारती का कहना है कि मनी लांड्रिंग के लिए जांच दायरे में आई कंपनी को उनके पति व एक सीए चला रहा था। सीए की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय कहना है कि मुखौटा कंपनियों के जरिए 1.2 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग के षडयंत्र में यह दंपत्ति ‘सक्रिय रूप से शामिल’ था। निदेशालय ने इस दंपत्ति के खिलाफ आरोप पत्र दिसंबर में दाखिल किया था। इसमें कहा गया है कि ‘अपराध से जुटाए गए धन से ये दोनों भी सक्रिय रूप से संम्बद्ध रहे और पक्ष हैं, इसलिए मनी लांड्रिंग अपराध के दोषी हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए अभियोजन शिकायत को मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत माना है और दंपत्ति को इस मामले में आरोपी के रूप में सम्मन किया है। आरोप पत्र के अनुसार, मीसा ने एक संक्षिप्त जवाब दिए और एजेंसी से कहा है कि संबंधित फर्म का रोजमर्रा का कारोबारपति शैलेष कुमार देख रहे थे जबकि कंपनी का वित्तीय ब्यौरा कंपनी का सीए संदीप शर्मा देख रहा था।