बैतूल,मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या थमने का नाम नहीं ले रही। ओलावृष्टि में बर्बाद हुई फसल और कर्ज के चलते अब एक और किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। चिचौली ब्लॉक के सीता डोंगरी निवासी मनीराम सलामे ने बुधवार-गुरुवार की रात फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। 4 बेटियों के पिता ने ये कदम उस वक्त उठाया जब परिवार के सभी लोग पड़ोस के गांव में भागवत कथा सुनने गए थे। मृतक किसान के पिता भुजल ने बताया कि कर्ज चुकाने की आस लगाकर खेती मे रात दिन लगे रहने वाला उनका लड़का ओलावृष्टि से फसल तबाह होने पर बुरी तरह टूट गया था। कर्ज से परेशान बेटे ने ये बात अपने पिता को बताई थी। आक्रोशित ग्रामीणों ने बैतूल-हरदा-इंदौर एनएच 59 ए जाम कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि फसल बर्बाद होने के बाद भी प्रशासन और सरकार की ओर से किसान की तरफ ध्यान नहीं दिया गया, जबकि बड़ी बड़ी घोषणाएं की जा रही है। परिजनों के अनुसार किसान क्रेडिट कार्ड का कर्ज होने के साथ ही समूह का भी कर्ज मनीराम पर था। वह फसलों के उत्पादन से इसे चुका देता, लेकिन ओलावृष्टि में पूरी फसल तबाह हो गई।