नई दिल्ली,लोकपाल की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और कांग्रेस आमने-सामने हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार के उस निमंत्रण को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्हें लोकपाल नियुक्ति को लेकर होने वाली बैठक में बुलाया गया था। यह बैठक आज ही है। बता दें कि पांच मार्च से संसद का बजट सत्र का दूसरा भाग शुरू हो रहा है। दरअसल कांग्रेस की आपत्ति इस बात को लेकर है कि लोकपाल के चयन को लेकर जो बैठक बुलाई गई है, उसमें खड़गे को नेता प्रतिपक्ष की जगह स्पेशल आमंत्रित सदस्य के तौर पर बुलाया गया है। इस पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार विपक्ष की बात नहीं सुन रही है। प्रधानमंत्री का बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री जो ट्रैक रिकॉर्ड है, वह बताता है कि वह लोकपाल जैसी संस्था के बारे में सीरियस नहीं हैं। कांग्रेस के इस रुख के साथ ही एक बार फिर लोकपाल की नियुक्ति पर संकट छा गया है। लोकपाल की चयन समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा की स्पीकर, देश के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में कांग्रेस के नेता शामिल हैं। खड़गे ने लिखा है कि अगर इस बैठक में मेरा वोट, विचार और तर्क मायने नहीं रखेगा तो बैठक में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है। बता दें कि लोकपाल बिल को 13 दिसंबर-2013 को राज्यसभा में पेश किया गया था, जो 17 दिसंबर-2013 को पारित हो गया था। इसके बाद 18 दिसंबर-2013 को लोकसभा ने भी इस बिल को पास कर दिया था। इसके बाद 18 दिसंबर को पीएम मोदी (उस दौरान गुजरात सीएम) ने ट्वीट कर इस बिल को पारित कराने का श्रेय सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के साथ बीजेपी सांसदों को दिया था। यह बिल अन्ना के आंदोलन के दबाव में पारित हुआ था।