जबलपुर,प्रदेश में 14 साल से सत्ता के सुख से दूर कांग्रेस अब सत्ता में आने को बेकरार है। इसके चलते चुनावी साल में कांग्रेस में बड़े बदलाव के साथ तैयारियां तेज हो गई हैं। 14 साल से सत्ता में भाजपा सरकार के खिलाफ उठ रहे विरोधी सुर का फायदा उठाते हुए कांग्रेस अब गुजरात की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी भाजपा को पटखनी देने के लिए तैयारी कर रही है। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यंग कांग्रेस होगी। कांग्रेस का टिकट वितरण पार्टी के उन नेताओं को जोरदार झटका दे सकता है, जो न सिर्फ 60 की उम्र पार कर चुके हैं, बल्कि चुनाव हार चुके हैं। पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने इसके साफ़ संकेत दिए हैं। जबलपुर पहुंचे बावरिया ने साफ़ शब्दों में कहा कि इस बार पार्टी गुजरात की तर्ज पर युवा और नए चेहरों को टिकट देगी। वहीं बावरिया विधायक हेमंत कटारे के मामले में बोलते वक्त बैकफुट पर नजर आए। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर जनप्रतिनिधियों को नसीहत दे डाली कि वे सार्वजनिक जीवन में इतना अनुशासन बरतें कि कोई उन पर उंगली न उठा सके। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस टिकट वितरण में एक बड़ी सर्जरी की तैयारी में जुटी है। जबलपुर पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने जब इसे लेकर अपने पत्ते खोले, तो उन्होंने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के माथे में पसीना ला दिया। बावरिया ने कहा कि जो चार या पांच चुनाव लड़े हैं, उम्र में वरिष्ठ नागरिक बन चुके हैं, ऐसे लोग विधानसभा में टिकट के ख्वाब न देखें। पार्टी गुजरात की तर्ज पर नए और युवा चेहरों को प्राथमिकता देगी। पत्रकारों ने जब यह पूछ लिया कि चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस कई बार आखिरी वक्त में टिकटों का वितरण करती है, तो उसे मानते हुए एलान कर दिया कि इस बार उनकी प्राथमिकता पहले टिकट बांटने की होगी, ताकि उम्मीदवार को तैयारी का पूरा वक्त मिले। खासतौर पर जिन सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा, वहां छह महीने पहले ही टिकट वितरण का प्रयास होगा। विधायक हेमंत कटारे के मामले ने कांग्रेस की फजीहत कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आलोचनाओं का सामना ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर कई दिग्गजों को करना पड़ा है। बावरिया इस मामले में संभलकर बोलते जरूर नजर आए, लेकिन उन्होंने कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को यह नसीहत दे डाली कि सार्वजनिक जीवन में अनुशासन का पालन करना बेहद जरूरी है। कहीं ऐसा न हो कि उंगलियां पार्टी की ओर उठने लगें। कोलारस मामले को लेकर बावरिया ने भाजपा पर जमकर हमला बोला और उसे लोकतंत्र का विरोधी करार दे दिया। उन्होंने गुजरात और राजस्थान में हुए प्रदर्शन के मद्देनजर मध्य प्रदेश में भी जीत पर भरोसा जताया।