लखनऊ,भले ही ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018’ में लाखों करोड़ रूपए का निवेश आने का दावा किया गया हो लेकिन यह अभी भविष्य के गर्त में हैं और इन्हंे धरातल पर मूर्तरूप लेने में समय लगने वाला है। वहीं दूसरी ओर इस समिट के दौरान राजधानी लखनऊ के सौन्दर्यीकरण पर 65 करोड रूपये से अधिक की राशि खर्च हुई।
जानकारी के अनुसार समिट के लिए राजधानी के सौन्दर्यीकरण पर 66.15 करोड रूपये खर्च हुए। लखनऊ नगर निगम ने सबसे अधिक 24.25 करोड रूपये खर्च किये। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने लगभग 13.08 करोड रूपये खर्च किये। लोक निर्माण विभाग ने 12.58 करोड रूपये खर्च किये। राज्य में होने वाला यह अब तक का सबसे बडा सम्मेलन था। 22 चार्टर्ड विमान, 12 से अधिक लक्जरी होटलों में 300 कमरों की व्यवस्था की गयी थी। इसके अलावा शहर भर में सडकों को भी सजाया, संवारा एवं उन्हें आरामदेह बनाया गया था। वहीं पूरे शहर में होर्डिंग एवं पोस्टर लगाये गये और रंग बिरंगी रोशनी से राजधानी को सजाया भी गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 फरवरी को निवेशकों के इस सम्मेलन का उदघाटन किया और 22 फरवरी को समापन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किया। सम्मेलन में वित्त मंत्री अरूण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों, विदेश से आये राजनेताओं, निवेशकों, राज्य सरकार के मंत्रियों और भारत के बडे औद्योगिक घरानों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।
समिट के दौरान 4.28 लाख करोड रूपये के 1045 एमओयू (सहमति पत्र) पर दस्तखत हुए। इनसे राज्य में 33 लाख से अधिक नौकरियों और रोजगार का सृजन होगा। इसके अलावा निवेशकों ने चार लाख करोड रूपये के अतिरिक्त निवेश की रूचि व्यक्त की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि दस देशों के प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल हुए। छह हजार प्रतिभागियों और 110 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया। समिट के दौरान कुल 32 समानान्तर सत्र हुए। नीदरलैंडस, जापान, चेक गणराज्य, फिनलैंड, स्लोवाकिया, जापान, थाईलैण्ड, नीदरलैण्ड और माॅरिशस समिट के पार्टनर देश थे।