भोपाल,एमपी ट्रायफेक में प्रदेश के सात जिलों में संचालित मप्र औद्योगिक विकास निगम (एकेवीएन) को मर्ज करने की तैयारी शुरु हो गई है। जिन जिलों में एकेवीएन संचालित है उनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, सागर और उज्जैन शामिल है। राज्य सरकार ने इसके लिए कंपनी लॉ के आधार पर एकेवीएन को मर्ज करने की आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस व्यवस्था के बाद एकेवीएन में पदस्थ एमडी के पदनाम बदल जाएंगे और उनके वित्तीय अधिकारों में भी भारी कटौती हो जाएगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में 9 नए औद्योगिक क्षेत्र बनाने की तैयारी के साथ इसके संचालन का दायित्व देख रहे एकेवीएन को ट्रायफेक में मर्ज करने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी लेने का काम पहले ही कराया जा चुका है और इसी आधार पर सभी एकेवीएन और ट्रायफेक को मिलाकर उनका नाम एमपी ट्रायफेक करने का फैसला किया है। इस व्यवस्था में एमडी एकेवीएन का पदनाम बदलकर ईडी (कार्यपालिक निदेशक) किया जाएगा। यह जरूर होगा कि जो कार्यालय काम कर रहा है, उसका टेरेटरी एरिया जस का तस रहेगा।
एकेवीएन को मर्ज करने के बाद राज्य सरकार को केंद्र से या किसी अन्य एजेंसी से औद्योगिक विकास के लिए लोन लेने में आसानी होगी। अभी कई एकेवीएन ऐसे हैं जिनके पास एसेट्स और कैपिटल गेन पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में उन्हें अपेक्षा के मुताबिक लोन नहीं मिल पाता। ट्रायफेक में मर्ज किए जाने के बाद सभी एकेवीएन के कैपिटल गेन और एसेट्स को मिलाकर ट्रायफेक की हालत काफी मजबूत हो जाएगी और इसके आधार पर बड़े लोन आसानी से लिए जा सकेंगे। इसके साथ ही बड़े एड लेने में भी आसानी होगी। मर्जर के बाद यहां काम करने वाला स्टाफ ट्रायफेक के निर्देशों का पालन करेगा। अधिकारियों के तबादले और अन्य प्रक्रिया प्रदेश स्तर की हो जाएंगी। इस संबंध में ट्रायफेक के एमडी डीपी आहूजा का कहना है कि कैबिनेट के फैसले के बाद सभी एकेवीएन को मर्ज कर ट्रायफेक के अधीन करने की प्रकिया शुरू की जा चुकी है। इससे लोन लेने में आसानी होगी और औद्योगिक विकास बढ़ेगा।