नई दिल्ली,पीएनबी घोटाला सामने आने के सात दिन बाद पहली बार केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि बैंकों में घोटाला और धोखाधड़ी करने वालों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। वित्त मंत्री के मुताबिक जब मैनेजमेंट को अथॉरिटी दी जाती है तो उम्मीद की जाती है कि वह इसका सही और असरदार तरीके से इस्तेमाल करेंगे। लेकिन पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि बैंक मैनेजमेंट की तरफ से अथॉरिटी का सही इस्तेमाल नहीं किया गया है। जेटली ने कहा कि यह सवाल भी है कि ऑडिटर क्या कर रहे थे? अगर आंतरिक और बाहरी दोनों ऑडिटर इसे नहीं पकड़ पाए या फिर उन्होंने इससे मुंह फेर लिया, तब मुझे लगता है कि चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रोफेशनल को अपना आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। निगरानी करने वाली एजेंसियों से भी चूक हुई है, उन्हें भी अपने गिरेबां पर झांकना चाहिए और सुरक्षा का अतिरिक्त कवच बनाने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह बैंकिंग सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वालों से कठोरता से निपटे। बता दें कि जेटली से पहले मोदी सरकार के कई मंत्री घोटाले पर सफाई दे चुके हैं। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन और मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पिछली यूपीए सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया था।