बैंक ने साख धोई,कर्ज चुकाने की क्षमता घटी,वसूली के सारे रास्ते बंद : नीरव मोदी

मुंबई, बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी बैंक घोटाले का मुख्य कर्ताधर्ता नीरव मोदी करोड़ों की ‘चोरी’ के बाद अब सीनाजोरी पर उतर आया है। नीरव मोदी ने इस मामले में पहली बार बयान दिया। उसने कहा बैंक ने इस मामले को सार्वजनिक कर जिस तरह उसकी साख धोई है, उससे बात बहुत बिगड़ गई है। इस तरह बैंक ने बकाया वसूली के सारे रास्ते बंद कर लिए हैं। नीरव मोदी ने यह भी दावा किया कि उसकी कंपनियों पर बकाया बैंक द्वारा बताई गई राशि से बहुत कम है।
पीएनबी प्रबंधन को 15-16 फरवरी को लिखे एक पत्र में नीरव मोदी ने कहा उसकी कंपनियों पर बैंक का बकाया 5,000 करोड़ रुपये से भी कम है। पत्र के अनुसार गलत तौर पर बताई गई बकाया राशि से होहल्ला हो गया और समूह का व्यावसायिक परिचालन बंद हो गया। जिससे समूह की बैंक का बकाया चुकाने की क्षमता खतरे में पड़ गई है। उल्लेखनीय है कि नीरव अपने परिवार समेत जनवरी के पहले हफ्ते में ही देश छोड़कर चला गया था। नीरव मोदी ने अपने बयान में कहा कि 13 फरवरी को की गई मेरी पेशकश के बावजूद बकाया को तत्काल पाने की हड़बड़ी में बैंक प्रबंधन द्वारा की गई कार्रवाई ने मेरे ब्रांड और कारोबार को तबाह कर दिया है। इससे अब बकाया वसूलने की आपकी क्षमता सीमित हो गई है। गौरतलब है कि जांच एजेंसियां घोटाला सामने आने के तुरंत बाद से ही उसकी संपत्तियों और ठिकानों पर कार्रवाई में जुट गई हैं। अब तक 5716 करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। साथ ही नीरव को भारत लाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
नीरव मोदी भागे नहीं बिजनेस टूर पर
नीरव मोदी के एडवोकेट विजय अग्रवाल ने एक टीवी चैनल पर कहा कि नीरव मोदी देश छोड़कर नहीं भागे हैं। उनका कारोबार कई देशों में फैला हुआ है। वह अपने कारोबार के लिए विदेशों में हैं। विजय अग्रवाल ने बैंक की कारवाई को भी गलत बताया। उन्होंने कहा हमारे क्लाइंट को मात्र एक हजार करोड़ रुपए ही बैंक को देने है। पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों ने हमारे क्लाइंट के ऊपर गलत आरोप लगाए हैं। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय एवं सीबीआई की टीम ने हमारे क्लाइंट के शोरूम को बंद करा दिया है सामान को जप्त कर लिया है ऐसी स्थिति में नीरव मोदी किस तरह करे चुकाएंगे यह कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि उनके क्लाइंट का 5000 करोड का माल जप्त कर लिया है। हमारे क्लाइंट के सभी खाते सीज कर लिए हैं ऐसी स्थिति में कर्ज देना संभव ही नहीं रहा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बैंक की चार्जशीट आ जाने के बाद ही वह अपने क्लाइंट का पक्ष प्रस्तुत करेंगे।

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