आजमगढ़, रेशम नगरी के नाम से विख्यात मुबारकपुर में वर्ष 2016 में हुई हिंसा के 36 मुस्लिम आरोपियों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जल्द ही इनकी संपत्तियों की कुर्की कराई जाएगी। कुर्की की कार्रवाई के लिए पुलिस ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। अगर ऐसा होता है तो यह पिछले डेढ़ दशक में हिंसा के मामले में जिले में सबसे बड़ी कार्रवाई होगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 22 अप्रैल 2016 को मुबारकपुर कस्बा में धार्मिक आयत लिखी पुस्तक के कागज से बनी प्लेट बेचने पर बवाल हो गया था। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्लेट बेचने वाले थोक व्यवसायी राकेश पुत्र फकीरचंद निवासी पुरारानी एवं फुटकर व्यवसायी श्रीराम पुत्र राजेंद्र निवासी कटरा की दुकान में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की थी। इस दौरान कस्बें में कई स्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुए। पुलिस द्वारा दुकानदारों की गिरफ्तारी के बाद भी बवाल न रूकने पर यहां पीएसी तैनात करनी पड़ी थी। उस सयम पुलिस ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने के मामले में 38 लोगों के खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया था जिसमें दो आरोपी दानिश पुत्र मो. नुमान, अफजाल पुत्र अब्बास, रेहान वेलाल पुत्र बेलाल निवासी हैदराबाद को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन बाकी के 36 आरोपी आज भी फरार हैं। पुलिस लगातार उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है लेकिन असफल है। फरार आरोपियों का सुराग न मिलने पर अब पुलिस ने इन पर शिकंजा कसने के लिए कुर्की की कार्रवाई का मन बनाया है। इस संबंध में पुलिस ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है। उधर थानाध्यक्ष मुबारकपुर अनूप शुक्ला ने बताया कि 22 अप्रैल 2016 को इलाके में तब तनाव पैदा हो गया जब स्थानीय लोगों को एक दुकान में कथित तौर धार्मिक पन्नों से बनी प्लेट्स मिलीं। इसके बाद दुकान में दूसरा धार्मिक संगठन आया और तोड़फोड़ कर आग लगा दी। शनिवार को कोर्ट ने विवाद से जुड़े 36 मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ आदेश पत्र जारी किया है। कोर्ट के आदेश के अनुसार हम आरोपियों के घरों में तलाशी अभियान चलाएंगे। अगर तब भी आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए तो उनके के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालंकि शुक्ला का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अभी तक चार्जशाट दाखिल नहीं की है।