लखनऊ,सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने आसन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को एकमुश्त 325 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया . शेष 78 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान बाद में किया जाएगा. 176 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी जीतने वाला दिल्ली जीतता है. ये चुनाव 28 फरवरी से होगा.
लखनऊ कैंट से मुलायम की बहू अपर्णा यादव को मैदान में उतारा गया है.पार्टी प्रमुख ने कहा कि सभी उम्मीदवारों को काफी सोच-समझकर चुना गया है. हालांकि,हालांकि बुधवार को जो सूची जारी की गई है ,उसमें शिवपाल के ही लोग ज्यादा दिखे हैं. अयोध्या से अखिलेश कैबिनेट में मंत्री और उनके करीबी पवन पांडे को टिकट नहीं मिला है. वो आशू मलिक को धक्का देने के लिए खबरों में रहे थे. बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को बाराबंकी से टिकट मिला है. बाराबंकी से एमएलए अरविंद सिंह को भी टिकट नहीं दिया गया हैं, ये मुख्यमंत्री अखिलेश के करीबी माने जाते हैं. उधर,रामगोविंद चौधरी को भी टिकट नहीं दिया गया.
जबकि सीधे मुख्यमंत्रीचुनौती देने वाले अतीक अहमद टिकट की बाजी जीत गए हैं. उधर, मु्ख्तार अंसारी के भाई को भी टिकट मिल गया है.
बाहर किए मंत्रियों को टिकट
इधर, जिन मंत्रियों को अखिलेश ने शिवपाल के खेमे का मानते हुए मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया था वे सभी टिकट पा गए हैं. इनमें ओम प्रकाश सिंह, नारद राय, अंबिका चौधरी, शादाब फातिमा, शिव कुमार बेरिया, राजकिशोर सिंह, अरिदमन सिंह, राजकिशोर सिंह और योगेश प्रताप सिंह सरीखे पूर्व मंत्री शरीक है.
सीतापुर के विधायक रामपाल यादव को गुंडागर्दी के आरोप में अखिलेश यादव ने पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी से ही निकाल दिया था. दो दिन पहले ही उन्हें पार्टी में वापिस लाकर शिवपाल यादव ने टिकट दिया है. टिकट के बंटवारे में अपने लोगों की अनदेखी होने पर अखिलेश ने कहा कि जिन लोगों को उनके कहने पर टिकट नहीं मिला है उनके बारे में वो मुलायम सिंह यादव को पुनर्विचार करने को कहेंगे. लेकिन इतना साफ है कि टिकट बंटवारे को लेकर एक बार फिर चाचा भतीजे की लडाई सामने आ गई है. देखना है कि अब अखिलेश अपने लोगों को क्या इशारा करते हैं. राम गोविंद चौधरी, अरविंद सिंह गोप और अखिलेश पवन पांडे अखिलेश से मिलने पहुंचे, तीनों को नहीं मिला टिकट.
कहीं से भी लड़ें अखिलेश चुनाव
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुद सार्वजनिक मंच ने कहा था कि वह बुंदेलखंड की किसी सीट से चुनाव लडऩा चाहेंगे. लेकिन जिन सीटों की घोषणा हुई उसमें अखिलेश यादव का नाम नहीं है. अखिलेश यादव के चुनाव लडऩे के बारे में पूछे जाने पर मुलायम सिंह यादव ने सिर्फ इतना ही कहा कि वह जहां से चाहे चुनाव लड़ सकते हैं.