पुणे, पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मांझे से गला कटने पर महाराष्ट्र के पुणे में घायल हुई एक महिला जीवन व मौत से संघर्ष करते हुए आखिरकार दम तोड़ दी. जान गंवाने वाली 45 वर्ष की सुवर्णा मजुमदार एक एक दैनिक अखबार में काम करती थी. 7 फरवरी बुधवार के दिन सुवर्णा मजुमदार, स्कूटर चलाते हुए ऑफिस से घर जा रही थी. शिवाजी पुल पर अचानक सुवर्णा के गले में मांझा फंस गया, स्कूटर का स्पीड कम करने के पहले ही सुवर्णा के गले में गंभीर जख्म हो गया और वो खून से लहू लुहान हो गई. आनन-फानन में सुवर्णा को पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. 5 दिनों तक सुर्वणा के गले के जख्म को ठीक करने के लिए इलाज होता रहा, ऑपरेशन भी किया गया लेकिन सुवर्णा की तबियत ठीक नहीं हो पाई और रविवार के दिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पुणे के शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन में हत्या के लिए जिम्मेदार पतंग उड़ाने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 और 304 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि पुणे शहर ही नहीं, राज्य और देश में पतंग उड़ाने के मामले में ऐसी गंभीर घटनाएं सुनने को मिलती हैं. इससे पहले भी पुणे शहर में पतंग के मांझे से गला कटने की घटनाएं हुई हैं और एक घटना में युवक की जान भी जा चुकी है. विडंबना इस बात की है कि पिछले साल यानि वर्ष 2017 में चीनी मांझा बेचने पर पाबंदी लगाई गई लेकिन पाबंदी होने के बावजूद पतंग बेचने वाले व्यापारी नायलॉन से बना चीनी मांझा इम्पोर्ट कर रहे हैं. वो अनजान युवकों को मांझा बेच रहे हैं. अब प्रशासन और पुलिस ऐसे मांझे को बेचने पर कैसे लगाम कसेगी ये सोचने वाली बात है. दूसरी बात ये भी है कि मांझा कोई भी क्यों न हो, अगर अचानक किसी के सामने आता है तो बचना मुश्किल होता है.