भिंड,जिले के रौन थाना में पदस्थ हवलदार रामकुमार शुक्ला द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले मे मृतक का परिवार न्याय की मांग को लेकर अनशन पर बैठा है। वहीं हवलदार की पत्नी लीलावती पर ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाई जा रही है। साथ ही उनके बड़े बेटे विकास का स्वास्थ्य भी गड़बड़ाने लगा है। साथ ही पुलिस ने भी शुक्ला परिवार के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। वहीं देर रात पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने रौन थाना के एएसआई समेत तीन लोगों को लाइन अटैच कर दिया है।जानकारी रहे कि
रौन थाना में पदस्थ हवलदार रामकुमार शुक्ला ने दो अक्टूबर को वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताड़ना के चलते सुसाइड कर लिया। शुक्ला के परिजन ने उक्त अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कोतवाली का घेराव किया। तब तत्कालीन डीआईजी अनिल शर्मा ने परिजन को आश्वासन दिया कि मामले की जांच के बाद दोषियों पर जरूर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन चार महीने गुजरने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो शुक्ला परिवार अपने ही घर के बाहर अनशन पर बैठ गया। परिवार के अनशन पर बैठते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया। जांच अधिकारी मुरैना एएसपी दूसरे दिन ही भिंड आए और उन्होंने शुक्ला परिवार के बयान दर्ज किए। लेकिन शुक्ला परिवार टीआई सुरेंद्र सिंह गौर, एएसआई राधेश्याम मिश्रा, हेड कांस्टेबल मुनीमचंद्र और आरक्षक आशीष पर एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग पर अड़ा हुआ है।
वहीं एसपी प्रशांत खरे ने एएसआई राधेश्याम मिश्रा, हेड कांस्टेबल मुनीमचंद्र और आरक्षक आशीष को लाइन अटैच कर दिया है।
हवलदार आत्महत्या मामले में एएसआई समेत तीन लाइन अटैच
