देहरादून,उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एमबीए के छात्र रणवीर सिंह की फर्जी मुठभेड़ मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सात पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है। उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही सन 2009 के इस मामले में तीसहजारी कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए 11 अन्य पुलिस वालों को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के शालीमार गार्डन के रहने वाले रणवीर सिंह अपने दोस्त के साथ नौकरी के लिए इंटरव्यू देने और घूमने के मकसद से 2 जुलाई 2009 को देहरादून आए थे। वहां कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ उसकी कहा-सुनी हो गई, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने रणवीर को लुटेरा बताकर 3 जुलाई 09 को देहरादून के थाना रायपुर के लाडपुर जंगल में एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था। फर्जी एनकाउंटर को लेकर उठे विवाद के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई और बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले को देहरादून से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए तीस हजारी कोर्ट ने सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को हत्या और अपहरण की साजिश रचने का दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद इन सभी ने दिल्ली हाईकोर्ट ने इन आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें 11 पुलिसकर्मियों को राहत मिल गई, जबकि अन्य 7 की सजा बरकरार रखी गई है।