MP के 5 जिलों में मिला क्रूड ऑयल और प्राकृतिक गैस का भंडार

भोपाल, प्रदेश के सागर, ग्वालियर-चंबल संभाग के पांच जिलों में 1 हजार किमी से ज्यादा दायरे में क्रूड ऑयल एवं प्राकृतिक गैस के भंडार होने के संकेत मिले हैं। जमीन के भीतर 100 से 500 फीट गहराई तक सागर के बीना से लेकर अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर होकर राजस्थान के बीकानेर तक क्रूड ऑयल की परत होने की संभावना है। भारत सरकार द्वारा देश भर में प्राकृतिक संसाधनों की खोज कराई जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों का सर्वे कर रही अल्फा जिओ इंडिया द्वारा लिए गए सैंपलों से जमीन के भीतर तेल एवं गैस के भंडार होने का पता चला है।
भारत सरकार क्रूड ऑयल व प्राकृतिक गैस का पता लगाने के लिए सेटेलाइट सर्वे शुरू कराया था। सर्वे कर रही एजेंसी अल्फा इंडिया अभी तक सागर-बीना एवं शिवपुरी में सर्वे कर जमीन के भीतर प्राकृतिक संसाधन होने का पता लगा चुकी है। इसके सैंपल भी लिए जाकर जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। सैंपल में कू्रड ऑयल होने का पता चला है, लेकिन इसकी सही मात्रा का अनुमान सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। सर्वे एजेंसी पिछले एक हफ्ते से श्योपुर एवं राजस्थान में सर्वे कर रही है। एजेंसी को श्योपुर होते हुए राजस्थान के बीकानेर तक जमीन के भीतर एक पट्टी होने का पता लगा है। जिसमें कू्रड और गैस के संकेत मिले हैं। जिले शिवपुरी और राजस्थान के बारा जिले में भी जमीन के अंदर प्राकृतिक तेल का पता चला है। अभी तक सागर से लेकर शिवपुरी तक सर्वे पूरा हो चुका है। श्योपुर डीएफओ निनामा डीपु के अनुसार एक संस्था कराहल के जंगलों में क्रूड ऑयल व गैस का पता लगाने का काम कर रही है। सर्वे एजेंसी ने सरकार में शुल्क भी जमा किया है।
बोरिंग करके ले रहे सैंपल
अल्फा जियो इंडिया लिमिटेड कंपनी के अधिकारी ललित कुमार के अनुसार अभी 2.0 शेसनिक और एक्सरे सर्वे हो रहा है। इसके तहत 100 मीटर तक बोरिंग की जाती है। 100 मीटर गहराई में जमीन के अंदर ब्लास्ट करके वहां निकलने वाली धातुओं के सैंपल लिए जाते हैं। इसके बाद दूसरे चरण में थ्री.डी सर्वे होगा। दोनों सर्वे की रिपोर्ट मार्च-अप्रैल 2019 तक आएगी। तभी पता लगेगा कि श्योपुर क्षेत्र में गैस है या क्रूड। कितनी मात्रा में और इसे निकालना फायदे का सौदा रहेगा या घाटे का, क्योंकि इससे पहले भी देश में कई जगह जमीन के अंदर पेट्रोलियम पदार्थ मिले हैं, लेकिन उन्हें निकालने का खर्च विदेश से क्रूड खरीदने से भी ज्यादा था, इसलिए वह प्लान फेल हो गए।

 

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