बरेली,उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा पर हुए उपद्रव के बाद बरेली के जिलाधिकारी कैप्टन राघवेंद्र विक्रम सिंह द्वारा फेसबुक पर किए गए अपने पोस्ट से चर्चा में आ गए हैं। 39 शब्दों की इस पोस्ट में उन्होंने कासगंज घटना की पृष्ठभूमि में कारण माने जा रहे नारेबाजी प्रकरण को सामने रखकर 28 जनवरी को विचार साझा किए। पोस्ट में यात्रा निकालने के लिए मार्ग चुनने और फिर वहां पर नारेबाजी की बात को लिखा है। पोस्ट फेसबुक पर साझा होते ही इसके पक्ष और विरोध में तमाम लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सोमवार रात तक साढ़े तीन सौ से अधिक ने इसे लाइक किया तो 422 लोगों ने उनके पोस्ट के बाद अपने कमेंट लिखे।
उन्होंने पहले पोस्ट में लिखा कि ‘अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ। मुकदमे लिखे गए। तीन घंटे बाद उन्होंने दूसरे पोस्ट फेसबुक पर डीएम ने एक और कमेंट किया। उन्होंने फेसबुक पर लिखा-‘चीन तो बड़ा दुश्मन है, तिरंगा लेकर चीन मुर्दाबाद क्यों नहीं..?’
डीएम बरेली कैप्टन राघवेंद्र विक्रम सिंह ने पोस्ट मैंने ही किया था। मेरा आशय किसी मजहब या भावनाओं को आहत करना नहीं था। ऐसी घटनाओं से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है। प्रशासन, पुलिस के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए भी दिक्कतें खड़ी होती हैं। हम विकास के बारे में सोच रहे हैं, उसके बारे में बात कर रहे हैं। लेकिन ऐसी घटनाओं से अनावश्यक अवरोध होते हैं। आपसी सौहार्द से ही तरक्की हासिल होती है। कैप्टन सिंह ने अपने दोनों पोस्ट के बारे में कहा कि जबसे प्रदेश में नई सरकार बनी है कुछ लोग जान बूझकर दंगा फैला कर सरकार की छवि खराब करना चाहते हैं इसलिए इस तरह की तिरंगा यात्राए खास मोहल्लों से निकालकर मुस्लिमों को भड़काया जाता है फिर वहां पथराव होते है। फिर तो पूरा प्रशासन दंगे रोकने और कानून व्यवस्था सुधारने में जुड़ जाता है। जो ऊर्जा विकास में लगनी चाहिए वह कानून व्यवस्था सुधारने में लगती है इन सब से व्यथित होकर ही उन्होंने यह पोस्ट लिखी। उल्लेखनीय है कि सेना से प्रषासनिक सेवा में आये कैप्टन आर विक्रम सिंह का अप्रैल माह में रिटायरमेंट है।