नई दिल्ली,एआईडीएमके की महासचिव शशिकला का तमिलाडु की मुख्यमंत्री बनने का सपना मंगलवार को टूट गया. सुप्रीम कोर्ट के दो सदस्यों वाली पीठ ने एक राय से उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में दस करोड़ रूपए का जुर्माना और 4 साल की सजा सुनाई है.
शीर्ष अदालत के फैसले के बाद में जहां शशिकला विधायकों के साथ बैठक कर रही हैं.उस रिसोर्ट में पुलिस प्रवेश कर उन्हें गिरफतार करने की तैयारी कर रही है.शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट की चार साल की सजा को बनाए रखा है. तमिलनाडु सरकार ने जयललिता, शशिकला और अन्य आरोपियों को बरी करने वाले हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने जून में फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस दौरान जयललिता का निधन हो गया. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के लिए कर्नाटक सरकार की ओर से सीनियर ऐडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा पेश हुए. कर्नाटक सरकार ने दलील दी थी कि इस मामले में शशिकला व अन्य की संपत्ति का हाई कोर्ट ने सही तरीके से आकलन नहीं किया है.
अब क्या होगा
शशिकला को अब ट्रायल कोर्ट जाकर सरेंडर करना होगा. दोनों जजों की पीठ ने हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करने का फैसला देते हुए उन्हें जल्द से जल्द सरेंडर करने को कहा है.चार साल की सजा सुनाए जाने की वजह से शशिकला किसी संवैधानिक पद पर छह साल तक बने रहने की हकदार नहीं रह गई हैं.जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अब 4 साल सजा काटने के बाद 6 साल तक चुनाव नहीं लडु पाएंगी.
क्या है मामला
यह मामला करीब दो दशक पहले का है,जब इन्होंने 1991 से 1996 के बीच 66 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाई. इनमें 810 हेक्टेयर जमीन, गोल्ड जूलरी और हजारों सिल्क साडय़िां शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ट्रायल उस वक्त चेन्नै से बेंगलुरु की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था, जब एक डीएमके मेंबर ने शिकायत दर्ज कराई. उसने आशंका जताई थी कि सूबे की अदालत में इस मामले में निष्पक्ष फैसला न हो क्योंकि मामले में मुख्य आरोपी सीएम है.