नईदिल्ली,तेज गेंजबाजी में भारत कभी अपनी पहचान नहीं बना पाया, लेकिन अब हालात बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं। युवा पीढ़ी अब तेज गेंदबाजी में दुनिया के सामने अपना लोहा मनवा रही है। न्यूजीलैंड में चल रहे आईसीसीसी विश्व कप अंडर-19 में राजस्थान के एक तेज गेंदबाज से अपनी रफ्तार से दुनिया में तलहका मचा दिया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए पहले ही मैच में इस गेंदबाज ने जिस रफ्तार से गेंद डाली, उसे देखकर क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गज भी हैरान रह गए हैं। आज हर तरफ इस युवा तेज गेंदबाज की ही बातें हो रही हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने तो बीसीसीआई और विराट कोहली को इस गेंदबाज पर नजर रखने के लिए भी कह दिया है। इस युवा गेंदबाज का नाम है कमलेश नागरकोटी, जिन्होंने वर्ल्ड कप अंडर-19 में 149 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी है। कमलेश के पिता लच्छम सिंह अपने बेटे कमलेश की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं और उसे सीनियर टीम इंडिया की जर्सी में देखना चाहते हैं। कमलेश नागरकोटी के पिता लच्छम सिंह भारतीय सेना से मानद कैप्टन पद से दिसंबर 2014 में रिटायर हुए थे। एक सैनिक का बेटा होने के नाते कमलेश आर्मी स्कूल से पढ़े हैं। कमलेश नागरकोटी तीन भाई-बहन हैं, जिनमें कमलेश सबसे छोटे हैं। कमलेश के बड़े भाई विनोद सिंह नागरकोटी भी क्रिकेट खेलते हैं और एक एकेडमी में कोचिंग भी देते हैं।
कमलेश ने सात साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उस वक्त कमलेश के कोच सुरेंद्र सिंह राठौड़ आर्मी कैंट में आए थे। उन्होंने कमलेश को खेलते हुए देखा और कहा कि यह लड़का कुछ बन सकता है। इस तरह कमलेश ने संस्कार क्रिकेट एकेडमी में दाखिला किया।” कमलेश का ज्यादा झुकाव यूं तो शुरू से ही गेंदबाजी की तरफ ही रहा है हालांकि, वह बल्लेबाजी भी करता था, लेकिन गेंदबाजी में शुरू से ही स्पीड अच्छी रही इसलिए उसने तेज गेंदबाजी पर ही अपना ज्यादा ध्यान लगाया।
कमलेश के कोच सुरेंद्र सिंह राठौड़ हमेशा यही कहते हैं कि, ‘वो बना ही तेज गेंदबाजी के लिए है’। कमलेश और उनके कोच राठौड़ का रिश्ता कोच और स्टूडेंट जैसा ना होकर पिता और पुत्र जैसा ही है। राठौड़ कहते हैं कि उसका एक्शन उसके शरीर के लिए काफी सपोर्टिव है और इसी वजह से वह इस छोटी सी उम्र में लगातार तेज गेंद फेंकता है। कमलेश के कोच सुरेंद्र राठौड़ खुद भी रणजी खेले हुए हैं। वह मीडियम पेसर थे। उन्होंने जब कमलेश को खेलते देखा तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी गेंदबाजी में स्पीड है। तुम कुछ बन सकते हो। और इस तरह राठौड़ ने कमलेश की गेंदबाजी की तरफ ज्यादा ध्यान देना शुरू किया।