जबलपुर,प्रदेश के ऊर्जा सचिव आईपीसी केसरी ने कहा कि किसी भी पॉवर कंपनी का न तो निजीकरण होगा और न ही प्रायवेट सेक्टर को बेची जाएगी। केसरी शक्ति भवन मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला, जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक एमपी भैरवे, ट्रांसमीशन कंपनी के प्रबंध संचालक पीआर बेंडे, पूर्व क्षेत्र विद्युत क्षेत्र कंपनी मुकेश चंद गुप्ता भी मौजूद थे।
केसरी ने स्वीकार किया कि लाईन लॉस और बिजली चोरी घटाने में आशातीत कामयाबी नहीं मिली, फिर भी विद्युत हानि में पहले की तुलना में काफी गिरावट आई है। इशारे-इशारे में उन्होेंने कहा कि राजनैतिक और सामाजिक दखलांदाजी की वजह से कहीं-कहीं बाधा उत्पन्न हो जाती है। केसरी ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री सौभाग्य विद्युतीकरण योजना के तहत हाल के आखिर तक प्रदेश के सभी घरों में बिजली पहुंचा दी जाएगी। फिलवक्त प्रदेश में मात्र 35 -40 लाख घर ऐसे हैं जहां अभी बिजली नहीं है। इस टारगेट को पूरा करने के लिये आवश्यक निविदाएं जारी कर दी गई हैं। निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने वाले अफसरों को सम्मानित भी किया जाएगा। श्री केसरी ने बताया कि प्रदेश में बिजली की स्थिति काफी सुदृढ हो गई है। सिंगाजी पॉवर प्रोजेक्ट खंडवा की पहली ईकाई १५ अपै्रल तक और दूसरी सितंबर तक चालू हो जाएगी। जिससे हमारी बिजली उपलब्धता और बढ़ जाएगी। ग्रीन एनर्जी कारिडोर बनाया जा रहा है इसके लिये 4 हजार करोड़ रुपये की कार्ययोजना बनाई गई है। ऊर्जा सचिव ने इस बात पर संतोष जताया कि बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति पहले से काफी बेहतर है। बिजली बिलों में धांधली और कॉल सेंटर के संबंध में की गई बातों को उन्होंने गंभीरता से सुना। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसमें सुधार के लिये स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा।