नई दिल्ली,जस्टिस लोया मामले की सुनवाई के दौरान गर्मागर्म बहस के अगले ही दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मुसीबत फिर बढ़ गई है। सोहराबुद्दीन शेख के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। सीबीआई ने शाह को इस मामले में क्लीन चिट दी थी। इस फैसले के खिलाफ ही यह याचिका दायर की गई है। सीबीआई ने हाईकोर्ट में इसका विरोध करने का फैसला किया है।
जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसी सीबीआई ने मंगलवार को कहा कि वह सोहराबुद्दीन मामले में भाजपा अध्यक्ष शाह को आरोप मुक्त कर चुके हैं। हम इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का विरोध करेंगे। पिछले सप्ताह बंबई लॉयर्स एसोसिएशन की तरफ से दायर पीआईएल में यहां की एक विशेष अदालत द्वारा शाह को आरोप मुक्त करने के 30 दिसंबर, 2014 के आदेश को चुनौती न देने की सीबीआई की कार्रवाई को गैरकानूनी, मनमाना और दुर्भावनापूर्ण बताया गया है। जस्टिस एससी धर्माधिकारी और भारती डांगरे की एक खंडपीठ ने सीबीआई वकील के समय मांगने पर याचिका को लेकर जिरह सुनने के लिए 13 फरवरी की तारीख तय की है।
सीबीआई के वकील अनिल सिंह ने हाईकोर्ट में कहा कि हम याचिका का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर समयसीमा का मुद्दा है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि इस मामले में सीबीआई के जिस जज को सुनवाई का जिम्मा सौंपा गया था, उनका स्थानांतरण क्यों किया गया। याचिका में इसके रिकॉर्ड की मांग की गई है।
शाह की रिहाई पर सवाल उठाने वाली याचिका का सीबीआई करेगी विरोध
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