लखनऊ,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि साहित्य समाज का मार्गदर्शक होता है। साहित्य का अर्थ ही है, जिसमें सबका हित हो। साहित्य के माध्यम से ही हम किसी समाज, राष्ट्र व संस्कृति को सम्बल प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दी देश को जोड़ने वाली भाषा है। यह उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक सम्पूर्ण देश में बोली और समझी जाती है। इसलिए यह राष्ट्रीय एकता और अखण्डता से अभिन्न रूप से सम्बद्ध है। मुख्यमंत्री सोमवार को यहां उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा आयोजित वर्ष-2016 के सम्मान समारोह कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश व देश से जुड़े साहित्यकारों एवं विभूतियों को देवी सरस्वती के प्राकट्य दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने सभी को बसन्त पंचमी की बधाई देते हुए कहा कि आज का पावन दिन विद्या, बुद्धि, ज्ञान, कला की देवी माँ सरस्वती जी का दिन है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा सम्मान समारोह में पूरे देश के हिन्दी मनीषियों को सम्मिलित करने का जो प्रयास किया वह सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लेखनी का उपयोग समाज को बेहतर बनाने में करना चाहिए। बगैर चिन्तन के अच्छा साहित्य नहीं लिखा जा सकता है। प्रत्येक कालखण्ड में साहित्यकारों ने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज की बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया है। जब लेखनी से स्वस्थ साहित्य लिखा जाता है तो सृजनात्मकता व रचनात्मकता से राष्ट्र को एक नई दिशा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदि कवि वाल्मिकी ने अपनी कृति रामायण के माध्यम से भारत ही नहीं पूरे विश्व को जो मार्ग दिखाया, वह हम सभी को आज भी ऊर्जा प्रदान करता है। आज आवश्यकता है कि रचनात्मक साहित्य को बढ़ावा दिया जाए। रचनात्मक साहित्य के माध्यम से ही प्रगतिशील समाज की संकल्पना को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो समाज अपनी विभूतियों को संरक्षित व संवर्धित करता है, वहीं समाज आगे बढ़ता है। समारोह को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि साहित्य समाज व अन्तर्मन की भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम है। साहित्य हमेशा से ही देशकाल को केन्द्र में रखकर रचा जाता है। मुख्यमंत्री ने हिन्दी साहित्य से जुड़ी जिन विभूतियों को सम्मानित किया, उनमें डाॅ. आनन्द प्रकाश दीक्षित को भारत-भारती सम्मान, आनन्द मिश्र ‘अभय’ को लोहिया साहित्य सम्मान, डाॅ. विद्याविन्दु सिंह को हिन्दी गौरव सम्मान, नन्द किशोर आचार्य को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, महेश चन्द्र शर्मा को पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान, प्रो. नेत्रपाल सिंह को अवन्तीबाई साहित्य सम्मान तथा साहित्यानुशीलन समिति, मद्रास के डाॅ. इन्द्रराज वैद्य को राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन सम्मान से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार डाॅ. रामशरण गौड़, डाॅ. जय प्रकाश, डाॅ. गणेश नारायण शुक्ल, डाॅ.वेद प्रकाश अमिताभ, मधुकर अष्ठाना, विजय रंजन, डाॅ. श्रीराम परिहार, डाॅ. सुरेन्द्र दुबे, डाॅ. प्रेमशंकर त्रिपाठी तथा बल्देव भाई शर्मा को साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। डाॅ. आद्या प्रसाद सिंह ‘प्रदीप’ को लोक भूषण सम्मान तथा डाॅ. मंजुला चतुर्वेदी को कला भूषण सम्मान प्रदान किया गया। इनके अलावा, डाॅ. हरिशंकर मिश्र को विद्या भूषण, देवेन्द्र मेवाड़ी को विज्ञान भूषण, राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ को पत्रकारिता भूषण, सत्यदेव टंेगर को प्रवासी भारतीय हिन्दी भूषण, भगवती प्रसाद द्विवेदी को बाल साहित्य भारती, शिवनारायण मिश्र को मधुलिमये साहित्य सम्मान, डाॅ. हरि जोशी को पं. श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान, डाॅ. रामअवतार सिंह को विधि भूषण सम्मान डाॅ. सुवास कुमार को हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान तथा डाॅ. प्रेमसुमन शर्मा व डाॅ. प्रणव शर्मा शास्त्री को विश्वविद्यालयस्तरीय सम्मान से विभूषित किया गया।सौहार्द सम्मान से अलंकृत होने वालों में नन्द कुमार मनोचा ‘वारिज’ (पंजाबी), प्रकाश भातम्ब्रेकर (मराठी), श्रीमती मनोहरमयुम यमुना देवी (मणिपुरी), डाॅ. मंजु मोदी (उड़िया), डाॅ. राजलक्ष्मी कृष्णन (तमिल), बाबू कृष्ण मूर्ति (कन्नड़), छत्रपाल (जोगिन्दर पाल सराफ) (डोगरी), डाॅ. शशि शेखर तोषखानी (कश्मीरी), डाॅ. यासमीन सुल्ताना नकवी (उर्दू), रामनिरंजन गोयनका (असमिया), डाॅ. जेएल रेड्डी (तेलुगु), वी. रवीन्द्रन (मलयालम), डाॅ. गंगेश गंुजन (मैथिली) तथा ओमप्रकाश पाण्डेय (संस्कृत) शामिल थे। इसके अतिरिक्त नामित पुरस्कारों से रमाशंकर, डाॅ. ज्ञानवती दीक्षित, डाॅ. दिनेश पाठक ‘शशि’, चन्देश्वर ‘परवाना’, डाॅ. शिवमंगल सिंह ‘मंगल’, डाॅ. अजय कुमार सिन्हा, पं. उमाशंकर मिश्र ‘रसेन्दु’, रवीन्द्र प्रताप सिंह, डाॅ. देवव्रत चैबे, डाॅ. सुशील कुमार पाण्डेय ‘साहित्येन्द्र’, रविनंदन सिंह, डाॅ. दयाशंकर त्रिपाठी, डाॅ. प्रणव भारती, शीलेन्द्र कुमार वशिष्ठ, डाॅ. पशुपतिनाथ उपाध्याय, डाॅ. सरला अवस्थी, डाॅ. नुज़हत फ़ात्मा, डाॅ. गोपाल कृष्ण शर्मा ‘मृदुल’, डाॅ. विनीता सिंघल, सुश्री आरती मिश्र ‘आश्चर्य’, शंकर सुल्तानपुरी, डाॅ. योगेश, डाॅ. वीरेन्द्र कुमार चन्द्रसखी, अमित कुमार सिंह, कृष्ण मुरारी ‘विकल’, सुश्री शीला शर्मा, डाॅ. चन्द्रभानु शर्मा तथा कौशलेन्द्र को सम्मानित किया गया।