वॉशिंगटन,हाल के दिनों में अमेरिका की तकनीकी कंपनियों ने ट्रंप सरकार से अनुरोध किया है कि वे पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में कुछ एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को दिया गया काम करने का परमिट बनाए रखें। इस परमिट से भारतीयों सहित अन्य देशों के एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को अमेरिका में वैध तौर पर काम करने की अनुमति मिलती है। एपल,माइक्रोसॉफ्ट,फेसबुक और गूगल का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यापारिक समूह ने सरकार से यह अनुरोध किया है।
इनमें इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री काउंसिल,यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स और बीएसए-द सॉफ्टवेयर अलायंस ने सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेस को लिखकर सरकार से अनुरोध किया है कि एच-4 कार्यक्रम को चालू रखे। यह कार्यक्रम एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को अमेरिका में वैध तौर पर काम करने की अनुमति देता है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही ट्रंप प्रशासन ने इस तरह के किसी भी प्रस्ताव से साफ इनकार किया था जिससे इसतरह के एच-1बी वीजाधारक जो अधिकतम छह साल बाद ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार कर रहे हैं उन्हें अमेरिका छोड़ने पर मजबूर होना पड़े। अगर अमेरिका में एच-1बी वीजा नियमों में बदलाव होता तो इसका अमेरिका में रह रहे विदेशी नागरिकों खासकर भारतीयों पर बड़ा असर होता।
एजेंसी की खबर के मुताबिक,वीजा नियमों में बदलाव का फैसला फिलहाल टाल दिया गया। हालांकि, यूनाइटेड स्टेट्स सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज दूसरे तरीकों पर विचार कर रहा है। जिससे बॉय अमेरिकन,हॉयर अमेरिकन की पॉलिसी को बढ़ावा मिल सके।