खंडवा, किशोर कुमार के एक गीत ने सात फेरे लेने वाले पति-पत्नियों को जुदा होने से बचा लिया. बरसों से अलग रह रहे पति-पत्नी ने बैर भुलाकर साथ रहने की कसमें खाईं. इन्होंने भरी अदालत में गाना भी गाया। यह सब खंडवा जिला न्यायालय में चल रही लोक अदालत के दौरान हुआ.
बेडिय़ाव ग्राम में रहने वाले महेश की शादी कविता से 2013 में हुई थी. पारिवारिक कलह के चलते कविता ने कोर्ट में महेश से तलाक की अर्जी दी. पति-पत्नी दोनों कोर्ट के चक्कर लगते रहे. कुटुम्ब न्यायलय के जज अवनेंद्र कुमार सिंह ने दोनों को नेशनल लोक अदालत में बुलवाया. सामाजिक कार्यकत्र्ता आलोक जोशी और पक्षकारों के वकीलों ने गीतों के माध्यम से तलाक लेने वाले जोड़ों की काउंसलिंग की. काउंसलिंग के बाद बहुत से जोड़ों ने समझौता करते हुए फिर से एक दूसरे को अपना लिया. न्यायाधीश आर.के. गौतम ने भी फिर से एक हुए जोड़ों के साथ कोर्ट रूम में गीत गुनगुनाते हुए फिर से विवाद न करने की हिदायत दी. समाज सेवी और गायक अलोक जोशी भी कोर्ट के इस कदम को अद्भुत प्रयास बताया.