सोहा अली का मानना है फिल्म इंडस्ट्री को साहसी निर्माताओं और लेखकों की जरूरत है

मुंबई,आज के दौर में फिल्म उद्योग को ज्यादा संख्या में साहसी निर्माताओं और लेखकों की जरूरत है, क्योंकि अभी भी महिला प्रधान फिल्में कम बन रही हैं। यह कहना है बॉलिवुड ऐक्ट्रेस सोहा अली खान। सोहा ने कहा कि देश में प्रतिभावान महिला कलाकारों की कमी नहीं होने के बावजूद, महिला प्रधान फिल्म इस बात की गारंटी नहीं है कि यह लागत निकालने में सफल रहेंगी। असल में इसके दर्शक काफी सीमित संख्या में होते हैं। इस बारे में सोहा ने अपने यह बेबाक विचार कोलकाता साहित्य महोत्सव के दौरान रखे। अब तक दो बंगाली भाषा की फिल्में कर चुकीं सोहा का ऐसे मानना है कि अगर उनके पास कोई अच्छी पटकथा लेकर आता है तो, वह फिर से बंगाली फिल्मों में काम करना पसंद करेंगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि चीजें बदल रही हैं और बेशक आज सभी आयु वर्ग की महिलाओं के लिए ज्यादा अच्छी भूमिकाएं हैं। हालांकि ऐसे तो महिला प्रधान फिल्में बनती हैं, लेकिन वे अभी भी कम संख्या में हैं और हमें अभी भी इस बात का ख्याल रखना पड़ता है कि, एक निश्चित बजट में ही ये फिल्में निपटा ली जाएं। मेकर्स को इस बारे में सोचना पड़ता है कि उन्हें उनका पैसा कैसे वापस मिलेगा, क्योंकि इस तरह की फिल्मों के लिए दर्शक सीमित संख्या में होते हैं।’ सोहा ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें और अधिक साहसी निर्माताओं और लेखकों की जरूरत है, क्योंकि जहां तक महिला कलाकारों का सवाल है तो, देश में कई अविश्वसनीय प्रतिभाएं मौजूद हैं।’

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