भोपाल, अमृत के तहत बनने वाले नाले’नालियों के टेंडर में हुई गड़बड़ी के मामले में डिप्टी सिटी इंजीनियर तापसदास गुप्ता को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। टेंडर निरस्त करते हुए लिफाफा लेने वाले लिपिक को भी संस्पेंड कर दिया गया है। पूरे मामले की समीक्षा करने के बाद निगम कमिश्नर प्रियंका दास ने 18 में से आए 7 टेंडर को निरस्त कर दोबारा टेंडर करने के आदेश दिए। हालांकि सिटी इंजीनियर पीके जैन पर फिलहाल किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। बताया जाता है कि जैन ने डिप्टी सिटी इंजीनियर को एक दिन पहले ही शोकॉज नोटिस जारी किया था, जिससे वह बच गए। सूत्रों की माने तो अमृत के तहत 125 करोड़ से अधिक राशि के 18 नाले-नालियों के काम होने थे। इसके टेंडर जारी किए गए थे। लेकिन निगम के यांत्रिकी शाखा के इंजीनियरों ने चेहते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए दो गड़बड़ियां कर दी। एक तो टेंडर सबमिशन से पहले ही ठेकेदारों से तकनीकी दस्तावेज बुला लिए गए, जिससे पारदर्शिता भंग हो गई और जो ठेकेदार इसमें शामिल हो रहे थे वह सामने आ गए।
इससे सेटिंग कर कामों को बढ़े हुए रेट में बंदरबांट कर लिया गया। जबकि ठेकेदारों से दस्तावेज के परीक्षण के लिए टेंडर सबमिशन से बाद में बुलाए जाते हैं। दूसरी गड़बड़ी ये थी कि टेंडर में समान लागत वाले काम के हिसाब से पूर्व में काम के अनुभव की अनिवार्य शर्त भी हटा दी गई। इससे अनुभवनहीन और अपात्र भी इसमें शामिल हो गए। सूत्रों के अनुसार पूर्व में अमृत के तहत गार्डन व अन्य कामों के टेंडर 20 फीसदी ब्लो में दिए गए हैं। लेकिन इन सात कामों में 25 करोड़ से अधिक के काम थे, जिनमें सेटिंग के कारण लागत के बराबर रेट डाले गए थे। जिसमें निगम को पांच करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ता। निगम के जितने विभाग हैं उनमें अक्सर इंजीनियर अपनी मर्जी से शर्तों को जोड़ते घटाते रहते हैं।
नाले-नालियों के टेंडर में गड़बड़ी, डिप्टी सिटी इंजीनियर नपे,लिपिक सस्पेंड, टेंडर निरस्त
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