अंडर’19 विश्व कप में पृथ्वी, जेसन और जूनियर वॉ पर रहेंगी निगाहें

नईदिल्ली,इसी माह न्‍यूजीलैंड में होने वाले अंडर19 विश्वकप क्रिकेट में उभरते खिलाड़ि‍यों पर क्रिकेटप्रेमियों की निगाहें होंगी। इसी से भविष्‍य के सितारे निकलेंगे। इसमें भारतीय टीम के कप्‍तान पृथ्वी शॉ, ऑस्ट्रेलिया के भारतीय मूल के कप्तान जेसन सांघा, ऑस्‍ट्रेलिया के ही पूर्व क्रिकेटर स्‍टीव वॉ के बेटे ऑस्टिन वॉ और अफगानिस्तान के ऑफ स्पिनर मुजीब जादरान शामिल है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने उन खिलाड़ियों की सूची जारी की है जो न्यूजीलैंड में 13 जनवरी से तीन फरवरी तक होने वाले अंडर-19 विश्वकप में अच्छा प्रदर्शन करके भविष्य के सितारों के रूप में उभर सकते हैं। इनमें पृथ्वी शॉ शामिल हैं जिन्होंने हाल में रणजी ट्रॉफी में भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। आईसीसी ने शॉ के बारे में लिखा है, ‘तीन बार के चैंपियन भारत के पास पृथ्वी के रूप में सबसे सदाबहार बल्लेबाज है। मुंबई में 2013 में अंतर स्कूल मैच में 546 रन बनाकर चर्चा में आने वाले इस 18 वर्षीय क्रिकेटर ने अब तक प्रथम श्रेणी मैचों में पांच शतक लगाए हैं।’पृथ्वी ने पिछले साल जनवरी में प्रथम श्रेणी मैचों में पदार्पण किया था। उन्होंने अब तक 9 प्रथम श्रेणी मैचों में 56.52 की औसत से 961 रन बनाए हैं। जिसमें पांच शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इनमें से तीन शतक उन्होंने वर्तमान रणजी सत्र में लगाए हैं।
कौशल दिखाने का बड़ा मंच
आईसीसी के अनुसार, ‘आईसीसी अंडर-19 विश्वकप हमेशा किशोर क्रिकेटरों के लिए कौशल दिखाने का बड़ा मंच मुहैया कराता है और उम्मीद है कि 2018 में भी ऐसा ही होगा।’ अफगानिस्तान की टीम में शामिल कप्तान नवीन उल हक और ऑफ स्पिनर मुजीब जादरान दोनों सीनियर टीम में खेल चुके हैं। जादरान ने आयरलैंड के खिलाफ एकदिवसीय में अपने पदार्पण मैच में 24 रन देकर चार विकेट लिए थे। उनके बेहतरीन प्रदर्शन से अफगानिस्तान ने अंडर-19 एशिया कप जीता। जादरान ने नेपाल के खिलाफ सेमीफाइनल में 28 रन देकर छह और पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में 13 रन देकर पांच विकेट लिए थे।
ऑस्ट्रेलिया की टीम में भारतीय मूल के जेसन सांघा और पूर्व कप्तान स्टीव वॉ के पुत्र आस्टिन वॉ हैं। सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे कम उम्र में प्रथम श्रेणी शतक जमाने वाले सांघा ऑस्ट्रेलियाई टीम की अगुवाई करने वाले भारतीय मूल के पहले क्रिकेटर हैं। पूर्व चैंपियन इंग्लैंड के पास ऑलराउंडर विल जैक्स हैं जो अपने बल पर मैच जिता सकते हैं। दक्षिण अफ्रीकी दौरे में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. एक मैच में उन्होंने 41 रन देकर चार विकेट लेने के अलावा 71 रन की पारी खेली और अपनी टीम को सीरीज में 4-1 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी। आयरलैंड की टीम में बायें हाथ के तेज गेंदबाज जोशुआ लिटिल हैं। वह टी20 अंतरराष्ट्रीय में आयरलैंड की तरफ से खेल चुके हैं। मेजबान न्यूजीलैंड के पास रचिन रविंद्र हैं जो सलामी बल्लेबाज होने के साथ बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते हैं। रविंद्र पिछली बार भी जूनियर विश्व में खेले थे। इनके अलावा पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी पर भी सभी की निगाहें रहेंगी। उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण धमाकेदार रहा था। उन्होंने कायदे आजम ट्रॉफी में खान रिसर्च लेब्रोटरी की तरफ से रावलपिंडी के खिलाफ 39 रन देकर आठ विकेट लिए थे.
दक्षिण अफ्रीका की उम्मीदें मैथ्यू पर रहेंगी
दक्षिण अफ्रीका को अगर 2014 का प्रदर्शन दोहराकर खिताब जीतना है तो फिर आक्रामक बल्लेबाज मैथ्यू ब्रीत्जके को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। वह अंडर-19 स्तर पर अब तक तीन शतक जड़ चुके हैं। लिस्ट ए में उनका उच्चतम स्कोर 94 है। दक्षिण अफ्रीकी टीम में पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एंटनी के बेटे थांडो एंटनी भी हैं। रविंद्र की तरह कामिंदु मेंडिस ने भी पिछले अंडर-19 वर्ल्‍डकप में हिस्सा लिया था। उनके आलराउंड प्रदर्शन से श्रीलंका सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा। वह स्पिनर होने के साथ साथ शीर्ष क्रम के बल्लेबाज भी हैं। वेस्टइंडीज के पास क्रिस्टन कालीचरण हैं जिन्हें 2014 में अंडर-14 स्कूल मैच में नाबाद 404 रन बनाने के बाद अगला ब्रायन लारा कहा जाने लगा था। मध्यक्रम का यह बल्लेबाज अभी उपकप्तान भी है। बांग्लादेश के पिनाक घोष एक अन्य क्रिकेटर हैं जो दूसरी बार अंडर-19 वर्ल्‍डकप में भाग ले रहे हैं। वह पिछली बार सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली बांग्लादेश की टीम का हिस्सा थे। इनके अलावा कनाडा के रोमेल शहजाद, कीनिया के अमन गांधी, नामीबिया के जान निकोल लोफ्टी ईटन, पापुआ न्यू गिनी के लेके मोरिया और जिम्बाब्वे के लियाम रोचे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके प्रदर्शन पर टूर्नामेंट के दौरान सभी की निगाहें लगी रहेंगी।

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