देवास, दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता सिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा धीरे धीर आगे बढ़ रही है और उन्होंने अपनी यात्रा के सौ दिन पूर्ण कर लिए हैं। इस दौरान उन्होंने नर्मदा नदी के घटते स्वरूप और नदी में समुद्र के पानी के प्रवेश पर भी चिंता जताई है।
नर्मदा परिक्रमा के 100 दिन और लगभग 1700 किलोमीटर यात्रा पूरे होने के पर खरगोन और देवास जिले के सीमावर्ती गांव मेहंदी खेड़ा पहुंचे दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि बड़े बांध नर्मदा के लिए खतरा है, और उन्होंने कहा बड़े बांधों के कारण नर्मदा नदी कई जगह सिकुड़कर रह गई है। प्रदूषण और सफाई से ज्यादा हमें इस वक्त मुद्दे पर चिंता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नदी में पानी का जलस्तर कम होने की वजह से लगभग 80 किलोमीटर के इलाके में समुद्र का पानी नदी के पानी में मिल गया है। इस वजह से नदी का मीठा जल खारे जल में बदलता जा रहा है। श्री सिंह ने अपनी यात्रा को लेकर कहा कि अनुभूति के आधार मैंने इस परिक्रमा का संकल्प लिया है और अभी तक नर्मदा मैया की कृपा से लगभग 1700 किलोमीटर की यात्रा निर्विघ्न सम्पन्न हो गई है। उम्मीद है मार्च माह तक यह यात्रा सम्पूर्ण होगी। उन्होंने बताया कि यात्रा की शुरुआत उन्होेंने अपनी धर्मपत्नी अमृता सिंह के साथ की थी, लेकिन अब यात्रा में 300 से अधिक श्रद्धालुओं का कारवां बन गया है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि यात्रा में सभी दल, धर्म और जाति के लोग शामिल हो रहे हैं।
दिग्विजय की नर्मदा यात्रा के 100 दिन पूरे,नर्मदा नदी के घटते स्वरूप पर जताई चिंता
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