फॉग लाइट का इस्तेमाल कर सकता है 30 % दुर्घटनाओं में कमी

नई दिल्ली,दुनिया भर में बेहतर एवं सुरक्षित सड़कों के लिए काम करने वाले जेनेवा स्थित प्रबुद्ध मंडल अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) ने जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या और कोहरे की वजह से गाड़ियों की टक्कर पर चिंता जताते हुए सरकार से सभी गाड़ियों में आगे एवं पीछे फॉग लाइट को अनिवार्य बनाने का अनुरोध किया है। संस्था ने कहा कि खासकर इनकी जरूरत देश के कोहरा संभावित और पहाड़ी इलाकों में ज्यादा है,लेकिन ये निगरानी कर पाना संभव नहीं है कि सिर्फ फॉग लाइट वाली गाड़ियां ही कोहरा संभावित इलाकों में चलें,इसलिए इसका प्रयोग गाड़ियों में अनिवार्य किया जाना चाहिए। अंतर्रराष्ट्रीय सड़क महासंघ के अध्यक्ष केके कपिला ने कहा,विश्वव्यापी शोध ये बताते हैं कि गाड़ियों के बीच ज्यादा दृश्यता खासकर दिसंबर से फरवरी के बीच कोहरे वाले महीनों में और पहाड़ी इलाकों में दुर्घटना के खतरे को 30 प्रतिशत से ज्यादा तक कम करती है। कोहरे की स्थिति गाड़ी चलाने वालों के लिए खतरनाक है और आगे एवं पीछे फॉग लाइट को अनिवार्य बनाने का कानून कम दृश्यता की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं के खतरे को कम कर सकता है। बारिश ,कोहरा,धूल या बर्फबारी की वजह से कम दृश्यता की स्थिति में फॉग लाइट बेहद उपयोगी हैं।
कपिला ने कहा, फॉग लाइट और प्राकृतिक रोशनी कम होने या कोहरे या कम दृश्यता की स्थिति में जलने वाली स्वचालित लाइट दुर्घटना के खतरे को कम कर सकती हैं। अभी,सुरक्षा के लिए गाड़ीवालों को अपनी गाड़ियों में बाजार से आगे एवं पीछे की फॉग लाइट लगवानी पड़ती है। इस तरह की फॉग लाइट कम बीम का उत्सर्जन करती है,सड़क की सतह पर नीचे की ओर पड़ती है जो रोशनी को फैलाव से रोकता है। जबकि,सामान्य हेडलाइट में चौड़े बीम की रोशनी कोहरे में जलकण से निकल जाती है जिससे चालकों के लिए दृश्यता कम हो जाती है। कपिला के मुताबिक,यूरोप में कोहरे जैसी स्थिति में बेहतर दृश्यता के लिए मानक सुविधा के रूप में गाड़ियां फ्रंट एवं रियर फॉग लाइट्स से लैस होती हैं।

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