भोपाल, मध्यप्रदेश की एटीएस ने शानदार सफलता अर्जित करते हुए आईएसआई को देश की सेना की गोपनीय जानकारी देने के मामले में 11 एजेंट पकड लिए हैं.को गिरफ्तार किया है. ये लोग इंटरनेट कॉल को सेल्युलर कॉल में बदल लेते थे,जिससे पाकिस्तान के हैंडलर्स की पहचान नहीं हो पाती थी.
पकडे गए एजेंट में ग्वालियर से पांच, भोपाल से तीन, जबलपुर से दो और सतना से आदमी को हिरासत में लिया है. सतना के कोलगवां थाने के इलाके से पकड़ाया एजेंट कश्मीर में आतंकियों को फंडिंग करता थाख्ये रकम उसे पाकिस्तान से मिलती थी. इस आशय की जानकारी एटीएस प्रमुख संजीव शमी ने पत्रकार-वार्ता में दी.
क्या मिला
ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर से टेलीफ ोन एक्सचेंज बरामद हुए हैं. इनके पास से मोबाइल फ ोन, सिम कार्ड, सिम बॉक्स, लैपटॉप वगैरह मिले हैं. पकडे गए लोगों में से एक एजेंट को भाजपा नेता का रिश्तेदार भी बताया जा रहा है.
कैसे पकडाए
टेलिकॉम एनफोर्समेंट रिसोर्स एंड मॉनिटरिगं सेल जो कि दूरसंचार मंत्रालय के आधीन काम करता है उसने एटीएस को मदद कर पकडवाया. वह पहले भी उप्र से एैसे 11 लोगों को पकडवा चुका था. दिल्ली के महरौली इलाके से गिरफ्तार हुए गुलशन सेन से ही इनकी जानकारी मिली थी.
कैसे पहुंचा जा सका
सपा के राज्यसभा सांसद मुनव्वर सलीम के पीए फ रहत को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकडा गया था. एनआईए ने 2016 में भोपाल से ही आईएसआई एजेंट अजहर इकबाल को गिरफ्तार किया था. जबकि
सितंबर 2016 में आईएसआई एजेंट जमालुद्दीन महज को उप्र एटीएस ने गिरफ्तार किया था. जो भोपाल के एक होटल में साल भर काम करता रहा था. उधर,सतना से गिरफ्तार बलराम के खाते में पैसे आते थे. जो पाकिस्तान के हेंडलर्स के संपर्क में था. जिसके बारे में जम्मू के थाना आरएसपुरा में पकड़ाए सतविंदर व दादू ने पुलिस को बताया था कि वो जो सूचनाएं पाकिस्तान भेजते है,उसके बदले में सतना के बलराम पैसे देते हैं.