नई दिल्ली,आम आदमी पार्टी (आप) ने संजय सिंह, चार्टर्ड एकाउंटेंट एनडी गुप्ता और पूर्व कांग्रेस नेता सुशील गुप्ता को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पार्टी की बैठक के बाद इसका एलान किया। दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए पांच जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख है। कुमार विश्वास भी इस रेस में शामिल थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। बुधवार को आप की बैठक हुई, जिसमें राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद सिसोदिया ने बताया कि अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों से संपर्क किया गया। राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए पार्टी से बाहर के कुल 18 लोगों से संपर्क किया गया, लेकिन कुछ ने मना कर दिया, तो कुछ पार्टी से जुड़ना नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि बैठक में 11 नामों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके बाद संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता के नाम तय किए गए। बता दें कि राज्यसभा की उम्मीदवारी पर आप की गुटबंदी खुलकर सतह पर आ गई थी। कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजने के लिए उनके समर्थकों ने कुछ दिन पहले दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में धरना दिया था। वहीं, एक गुट कुमार विश्वास को राजस्थान में लोकसभा की दो सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की मांग कर रहा था। वह आप के राजस्थान प्रभारी हैं। पार्टी ने तय किया था कि राज्यसभा में विशेषज्ञों को भेजा जाएगा। उसने रघुराम राजन से लेकर जस्टिस टीएस ठाकुर तक कई बड़े नामों से संपर्क किया था, लेकिन सबने पार्टी के नाम के साथ जुड़ने से इंकार कर दिया। इसके बाद एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता का नाम तय किया गया।
संजय सिंह:-
वरिष्ठ नेता संजय सिंह का नाम इसलिए तय किया गया, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की अहमियत समझती है। उनके नाम को लेकर कोई विवाद भी नहीं था। कुमार विश्वास के समर्थक भी संजय सिंह के नाम को लेकर कोई आपत्ति नहीं जता रहे थे।
एनडी गुप्ता:-
एनडी गुप्ता चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। वह जीएसटी के सबसे बड़े जानकारों में से एक हैं। 68 साल के गुप्ता चार्टर्ड एकाउंटेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह अरविंद केजरीवाल के साथ एनजीओ ‘परिवर्तन’ के समय से जुड़े हैं। दो साल से आप की एकाउंटिंग का सारा काम गुप्ता ही देख रहे हैं। पार्टी एक सीए की तलाश कर रही थी और गुप्ता पर जाकर यह तलाश खत्म हुई।
सुशील गुप्ता:-
सुशील गुप्ता सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व कांग्रेसी हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं। गुप्ता ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर काफी काम किया है। उनके दिल्ली में 10 से ज्यादा चैरिटेबल हॉस्पिटल और कई स्कूल चल रहे हैं। वह महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल के ट्रस्टी हैं। 2013 में भी आप ने सुशील को मोतीनगर सीट से टिकट ऑफर किया था, लेकिन तब उन्होंने इंकार कर दिया था। वह कांग्रेस के टिकट पर मोतीनगर से 2013 का दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। तब उन्हें बीजेपी के सुभाष सचदेवा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। वह तब दूसरे सबसे अमीर उम्मीदवार थे और उन्होंने हलफनामे में अपनी संपत्ति 164 करोड़ रुपये बताई थी।