चैन्नई, जयललिता की समाधि पर ध्यान लगाने के बाद से बदले तेवर के साथ पन्नीरसेल्वम कर जो अवतार सामने आया है. उससे तमिलनाडु की राजनीति का घमासान और बढ़ गया है. सेल्वम अब कह रहे हैं कि अगर पार्टी कहेगी तो वे इस्तीफा वापस कर लेंगे.
इधर,उनके आक्रामक तेवर के बाद शशिकला आरोप लगा रही हैंं कि पन्नीरसेल्वम के विद्रोह और उनके खिलाफ उठ रही आवाज के पीछे डीएमके की भूमिका है.
इस बीच डीएमके नेता स्टालीन ने कहा राज्य की शासन व्यवस्था चरमरा गई है. उन्होंने कहा कि शशिकला बेबुनियाद आरोप लगा रही है. स्टालिन तर्क दे रहे हैं कि उन्हें विधानसभा में देख रहे जयललिता अगर मुस्कुराईं हैं,तो इसका क्या मतलब निकाला जाए . उन्होंने कहा मुस्कुराने को आपत्तिजनक कहना शर्मनाक होगा.उन्होंने कहा तमिलनाडु का शासन ठप हो गया है.राज्यपाल को तुरंत चेन्नई लौट कर तमिलनाडु के हितों की रक्षा करना चाहिए.इधर, सभी की निगाहें अन्नाद्रमुक हेडक्वार्टर पर टिक गई हैं,जहां बड़ी संख्या में लोग किसी नतीजे का इंतजार कर रहे हैं.
इधर,बैठक से पहले दोनों के बीच जो खटास थी वह उसके बाद और बढ़ गई. शशिकला ने कहा अम्मा के निधन के बाद समर्थकों का मुझ पर मुख्यमंत्री पद लेने का दबाव था,वह चाहती तो पहले ही शपथ ले सकती थी. लेकिन मैं दुखी थी और मैंने मना कर दिया.
लेकिन पिछले कुछ दिनों से मुझे महसूस हो रहा था कि पनीरसेल्वम गाहे-बगाहे गुप्त रुप से विरोधी दलों के साथ काम कर रहे थे. जिससे मैंने महासचिव की जिम्मेदारी निभाते हुए उन्हें गलत काम रोकने को कहा. अब जो हो रहा है उसके पीछे विरोधियों का ही हाथ है, लेकिन फिर भी मैं अम्मा के रास्ते पर चलूंगी. शशिकला का कहना था, वे उस पार्टी से मिले हैं जिससे अम्मा लड़ती रहीं हैं.जिसकी सजा उनको जरूर दी जाएगी.
उधर,बैठक के बाद निष्कासन की गाज झेल रहे पनीरसेल्वम ने कहा कि विधानसभा में उनके पास बहुमत है. विधायक उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने को कहा है,जिससे मैं कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में अभी कायम हूं. वह और आगे बोले कि तमिलनाडु की जनता जब तक चाहेगी में मुख्यमंत्री बना रहूंगा.
इधर,टकराहट के चलते एआईएडीएमके दो धड़ों में बंट गई है. बुधवार को शशिकला खेमे के 130 विधायकों को चेन्नै के एक होटल में जाया गया है. सूत्रों का कहना है कि पन्नीरसेल्वम को चार या पांच विधायकों का ही समर्थन हासिल है.
राज्यपाल के वापस आने तक इन विधायकों को शशिकला की निगरानी में रखा गया है. शशिकला को सरकार गठन के न्योते का इंतजार किया जा रहा है.राज्यपाल अगर इसे टालते हैं,या फिर शशिकला को बुलाया नहीं जाता है तो फिर उस स्थिति में पार्टी राष्ट्रपति से मिल कर उनके दखल की मांग करेगी.
इधर,टकराहट के चलते एआईएडीएमके दो धड़ों में बंट गई है. बुधवार को शशिकला खेमे के 130 विधायकों को चेन्नै के एक होटल में जाया गया है. सूत्रों का कहना है कि पन्नीरसेल्वम को चार या पांच विधायकों का ही समर्थन हासिल है.
राज्यपाल के वापस आने तक इन विधायकों को शशिकला की निगरानी में रखा गया है. शशिकला को सरकार गठन के न्योते का इंतजार किया जा रहा है.राज्यपाल अगर इसे टालते हैं,या फिर शशिकला को बुलाया नहीं जाता है तो फिर उस स्थिति में पार्टी राष्ट्रपति से मिल कर उनके दखल की मांग करेगी.