मुंबई, मनी लॉन्ड्रिंग केस में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जेल में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। अदालत ने उनके भतीजे और लोकसभा के पूर्व सदस्य समीर भुजबल की भी जमानत याचिका खारिज कर दी।
विशेष पीएमएलए न्यायाधीश एम एस आजमी ने कहा, ‘दोनों ही जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गईं।’ उन्होंने कहा कि आदेश की प्रति बाद में उपलब्ध कराई जाएगी। अदालत ने पूर्व लोक निर्माण मंत्री छगन भुजबल की जमानत याचिका पहले भी खारिज कर दी थी जो चिकित्सीय आधार पर दायर की गई थी। पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने यह कहते हुए धनशोधन के आरोपी व्यक्ति के लिए जमानत की एक कठोर शर्त रद्द कर दी थी कि यह ‘साफ तौर पर मनमानी’ है। न्यायालय ने कहा था कि जमानत दिए जाने से पहले अभियोजक पक्ष के वकील से पक्ष सुनने जैसी शर्त तय करने वाली पीएमएलए की धारा 45 (1) ‘तर्कहीन’ है। उस समय दोनों नेताओं की जमानत याचिकाएं लंबित थीं। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद स्थानीय अदालत ने नए सिरे से दलीलें सुनीं।