शिमला, सोमवार को आए विधानसभा के चुनाव परिणामों में हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत हुई है। एक ओर जहां राज्य की तमाम सीटों पर राजनीतिक प्रतिद्वंदियों में कड़ा मुकाबला रहा, वहीं कई सीटों पर पारिवारिक रिश्तेदारों के बीच भी कांटे की टक्कर देखने को मिली। राजनीतिक समर के इस युद्ध का एक अनोखा परिणाम राज्य की सोलन सीट पर देखने को मिला जहां एक ससुर ने अपने ही दामाद को विधानसभा के चुनाव में पराजित किया। अपनी सीट को बचाने में कामयाबी हासिल की है।
सोलन की आरक्षित सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी धनी राम शांडिल का मुकाबला उनके दामाद और बीजेपी प्रत्याशी डॉक्टर राजेश कश्यप से था। इस रोचक मुकाबले में ससुर शांडिल ने अपने दामाद को पटखनी दी और इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। एक और खास बात यह कि भले ही राज्य में कांग्रेस को शिकस्त मिली हो लेकिन सोलन की सभी पांच सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने में कामयाब हुए।
1999 और 2004 में सांसद रह चुके हैं शांडिल
बात दें कि फौज से रिटायर होने के बाद राजनीति में आए धनीराम शांडिल 1999 और 2004 में लोकसभा के सदस्य चुने गए थे। इसके बाद वह वीरभद्र सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री भी रहे। वहीं दामाद राजेश कश्यप नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे और यह उनका पहला विधानसभा चुनाव था। खास बात यह भी है कि प्रदेश में यह पहला ऐसा मुकाबला था, जिसमें ससुर-दामाद आमने सामने थे। धनीराम शांडिल को उनके राजनीतिक अनुभव का लाभ मिला और उन्होंने अपने दामाद को हराकर बीजेपी को जोरदार झटका दिया।
कांग्रेसी प्रत्याशी ससुर ने सोलन सीट पर भाजपा प्रत्याशी दामाद को हराया
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