धर्मशाला,रोहित शर्मा की कप्तानी में श्रीलंका के खिलाफ यहां पहले एकदिवसीय में उतरी टीम इंडिया 38 ओवर और दो गेंदों में ही 112 रनों पर आउट हो गयी। इस मैच में पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को छोड़कर अन्य सभी बल्लेबाज असफल रहे। धोनी ने सबसे ज्यादा 65 रन बनाये, उनके अलावा केवल कुलदीप यादव 19 ही दो अंक तक पहुंच पाये। एक समय तो टीम के के सात विकेट केवल 29 रन पर गिर गये थे और लग रहा था कि टीम शायद ही 50 रन बना पाये। पर इसके बाद धोनी ने कुलदीप 19 के साथ आठवें विकेट के लिए 41 और जसप्रीत बुमराह (0) के साथ 17 रन की साझेदारी कर टीम को संभाला। कठिन हालातों में जीवनभरी अर्धशतकीय पारी खेलने वाले माही आखिरी विकेट के रूप में 65 रन बनाने के बाद आउट हुए। इस प्रकार श्रीलंका को जीत के लिए 113 रन बनाने का लक्ष्य मिला है।
श्रीलंका ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पहला विकेट शून्य पर ही शिखर धवन का गिरा। धवन (0) को इस ओवर की आखिरी गेंद पर एंजेलो मैथ्यूज ने एलबीडब्ल्यू किया। टीवी अम्पायर ने यह फैसला गेंदबाज के पक्ष में दिया।तीसरे ओवर में कप्तान रोहित शर्मा ने भारतीय टीम का खाता खोला, इस ओवर में 2 रन बने। पारी के 5वें ओवर में रोहित शर्मा (2) भी आउट हो गए। उन्हें सुरंगा लकमल ने विकेट के पीछे निरोशन डिकवेला से कैच कराया। पहले 5 ओवर में ही दो विकेट गिरते गये। पांच ओवर के बाद टीम का स्कोर दो विकेट पर दो रन था। पारी के छठे ओवर में पदर्पण करने वाले श्रेयास अय्यर ने चौका लगाकर अपना खाता खोला। शुरुआती पांच ओवर में ही दो विकेट गिरने के कारण भारत की रन गति बेहद धीमी थी। वापसी करने वाले विकेट दिनेश कार्तिक शून्य पर ही पेवेलियन लौट गये। सुरंगा लकमल ने एलबीडब्ल्यू किया। 10 ओवर के बाद टीम इंडिया का स्कोर तीन विकेट खोकर 11 रन था।चौथे विकेट के रूप में जल्द ही मनीष पांडे (2)के आउट होने से भारतीय टीम गहरे संकट में फंस गई। अय्यर भी नौ रन बनाकर आउट हो गये। उन्हें तेज गेंदबाज नुवान प्रदीप ने बोल्ड किया। 15 ओवर के बाद भारतीय टीम के खाते में महज 27 रन थे और पांच विकेट आउट हो चुके थे।
मैच में भारतीय विकेट एक के बाद एक गिरते जा रहे थे। ऐसे में हार्दिक पंड्या ने दो चौके लगाकर दबाव हटाने का प्रयास किया लेकिन वे भी ज्यादा देर नहीं टिके और 10 रन (10 गेंद, दो चौके) बनाकर नुवान प्रदीप की गेंद पर मैथ्यूज को कैच दे बैठे। 28 रन पर छह विकेट गंवाने के बाद ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया अपने न्यूनतम स्कोर 54 रन को भी पार नहीं कर पाएगी। जल्द ही भुवनेश्वर कुमार (0)भी सातवें विकेट के रूप में पेवेलियन लौट गए। वे लकमल के चौथे शिकार बने।20 ओवर के बाद भारतीय टीम के खाते में केवल 29 रन थे और सात बल्लेबाज पेवेलियन लौट चुके थे। धोनी और कुलदीप ने साझेदारी कर टीम को संभाला। कुलदीप आठवें विकेट के रूप में 19 रन बनाने के बाद आउट हुए। उन्हें स्पिनर अकिला धनंजय ने विकेटकीपर डिकवेला से स्टंप कराया। धोनी का अच्छा साथ देने के बाद बुमराह (0) आउट हुए. उन्हें सचित पातिराना ने बोल्ड किया। 9 विकेट गिरने के बाद धोनी ने जबर्दस्त बल्लेबाजी करते हुए दो छक्के और कुछ चौके जमाए। उनका अर्धशतक 78 गेंदों पर आठ चौकों और एक छक्के की मदद से पूरा हुआ था। धोनी (65 रन, 87 गेंद, 10 चौके, दो छक्के) आखिरी विकेट के रूप में थिसारा परेरा की गेंद पर गुणतिलका द्वारा कैच किए गए। यह उनकी पारी का ही कमाल था कि टीम इंडिया तिहरी रनसंख्या तक पहुंच पाई। वहीं श्रीलंका की ओर से सुरंगा लकमल ने चार और नुवान प्रदीप ने दो विकेट लिए।