भोपाल, रेल दुर्घटनाएं रोकने रेलवे पहली खेप में 450 वॉकी-टॉकी खरीदेगा। हाल ही में हुए रेल हादसों से सबक लेते हुए भोपाल रेल मंडल ने ड्राइवर और गार्ड को हाईरेंज के वॉकी-टॉकी देने का निर्णय लिया है। रेलवे को संचार मंत्रालय से इन वॉकी-टॉकी की खरीदी की मंजूरी मिल गई है। मालूम हो कि भोपाल रेल मंडल में उपयोग किए जा रहे 40 फीसदी वॉकी-टॉकी पुराने हैं। इस कारण ट्रेन चलाते समय लोको पायलट और गार्ड को आपस में बात करने में दिक्कत आती है। कुछ वॉकी-टॉकी में तकनीकी दिक्कतों के चलते लोको पायलट स्टेशन प्रबंधक और डिप्टी एसएस को समय पर मैसेज नहीं दे पाते हैं। एक वॉकी-टॉकी की औसत उम्र 7 साल की होती है। इनकी रेंज एक से डेढ़ किमी होती है। भोपाल मंडल के 40 फीसदी वॉकी-टॉकी 10 साल से उपयोग किए जा रहे हैं। पूर्व में खरीदे गए वॉकी-टॉकी की रेंज सीमित थी। इन वॉकी-टॉकी से 18 कोच वाली ट्रेन में लोको पायलट और गार्ड आपस में आसानी से एक-दूसरे से बातचीत कर सकते थे।
वॉकी-टॉकी पुराने होने के साथ ही बारिश और खराब मौसम में कई बार रेंज नहीं पकड़ पाते हैं। इस कारण ट्रेनों में चलने वाले लोको पायलट और गार्ड कई बार आपस में बात ही नहीं कर पाते है। बीते पांच साल में मंडल से होकर गुजरने वाली 80 फीसदी ट्रेनों में कोच बढ़ गए हैं। यानी पूर्व में जिन ट्रेनों में 18 कोच थे अब उनमें 20 और 20 कोच वाली ट्रेनों में 22 कोच लगा दिए गए हैं। ऐसे में पुरानी वॉकी-टॉकी में तकनीकी खराबी के कारण मैसेज अदान-प्रदान करना मुश्किल हो रहा है। इस संबंध में भोपाल रेल मंडल डीआरएम शोभन चौधुरी का कहना है कि भोपाल मंडल में उपयोग किए जा रहे वॉकी-टॉकी पुराने हो गए हैं। कुछ में खराबी की शिकायत भी आ रही थी। इसके लिए काफी समय से खरीदी का प्रस्ताव था, लेकिन कुछ दिक्कतों के कारण अनुमति नहीं मिली थी। अब संचार मंत्रालय ने दे दी है, जल्द ही खरीदी करेंगे।
रेल दुर्घटनाएं रोकने रेलवे खरीदेगा 450 वॉकी-टॉकी
