नई दिल्ली,तिब्बतियों के नेता दलाई लामा भारत आये अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से दिल्ली में मिले। यह मुलाकात तिब्बतियों के लिये खास मायने रखती है। दिल्ली के होटल मौर्या में ओबामा से मिलने के बाद दलाई लामा धर्मशाला लौट गये। दिल्ली से वापस धर्मशाला लौटते हुये दलाई लामा ने कांगड़ा एयरपोर्ट पर इस मुलाकात के बारे में कहा कि मुलाकात बेहद सुखद रही। मैं जानता हूं कि हम दोनों पुराने विश्वस्त मित्र हैं। दलाई लामा ने बताया कि जब उन्हें सूचना मिली कि बराक ओबामा भारत आ रहे हैं, तो उन्होंने उनसे मिलने की इच्छा जताई। इसके लिये ओबामा भी उतने ही उत्साहित थे। हम अब तक पांच बार मिल चुके हैं। हर मुलाकात रोचक रही है। आज करीब 45 मिनट तक चली मुलाकात में दलाई लामा ने विशव में पनपती अशांति व आतंकवाद पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बढ़ते धार्मिक कट्टरतावाद से विश्व बंधुत्व की भावना खतरे में है। खून-खराबे व मारकाट से मानवता खतरे में है। लिहाजा विश्व में मानव धर्म को बढ़ावा देने की जरूरत है। मेरा मानना है कि ओबामा आज भी विश्व शांति में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हम तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ेंगे। दलाई लामा ने कहा कि वह कई प्रमुख लोगों से मिलते रहते हैं। अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराते रहते हैं, लेकिन अभी भी उनकी ओर से जो प्रयास होने चाहिये, वह हुये नहीं। मैं चाहता हूं कि बात को कागजों में उकेरा जाये। मैं भारत में हूं लिहाजा मेरी सोच भारत की पुरातन परंपरा, शांति व सहनशीलता की है। शांति सद्भावना से ही बेहतर समाज का निर्माण हो सकता है। इससे पहले मुलाकात के दौरान बराक ओबामा की ओर मुखातिब होते हुये दलाई लामा ने कहा कि आप मात्र अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति नहीं हैं, बल्कि आप नोबेल पुरस्कार विजेता भी हैं। आप युवा हैं। आप विश्व के लिये बहुत कुछ कर सकते हैं। दलाई लामा ने कहा कि ओबामा विश्व शांति की हमारी अपेक्षाओं को पूरा कर सकते हैं। भले ही इसका परिणाम मेरी पीढ़ी न देख पाये, लेकिन अगली पीढ़ी इसे जरूर देख सकेगी। अपनी सेहत में आ रही समस्याओं के चलते तिब्बतियों के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा आने वाले दिनों में अपने विदेश दौरों पर विराम लगा सकते हैं, जिससे उनके विदेशी प्रशसंकों को निराशा झेलनी पड़ सकती है। इस बारे में खुद दलाई लामा ने धर्मशाला के पास मैक्लॉडगंज में एक समारोह में बयान दिया था। उन्होंने मैक्लॉडगंज में अंतरराष्ट्रीय युवाओं के एक समूह को संबोधित करते हुये कहा था कि उनकी थकान काफी बढ़ गई है, वह 82 साल के हैं, इसलिए पिछले एक साल से थकान और बढ़ती जा रही है, इसलिए विदेश में होने वाले कार्यक्रमों में उनकी तरफ से निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग सांग्ये के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री प्रो. सामदोंग रिंपोछे आधिकारिक दूतों के रूप में काम करेंगे।
राहुल ओबामा से मिले
दो दिन की भारत यात्रा पर आए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को पीएम मोदी से मुलाकात करने के बाद शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद राहुल ने ट्वीट किया कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ उपयोगी बातचीत हुई। उनसे एक बार फिर मिलना बहुत अच्छा रहा। इससे पहले दिन में ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच यहां हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई थी। इस साल जनवरी में व्हाइट हाऊस छोड़ने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। शुक्रवार को मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया,पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से एक बार फिर मुलाकात प्रसन्नता की बात है। उनके नेतृत्व में ओबामा फाउंडेशन के तहत शुरू की गई नई पहल के बारे में जानकारी मिली और भारत अमेरिकी सामरिक गठजोड़ को और मजबूत बनाने पर उनकी सोच से अवगत हुआ।