लखनऊ,बरेली की बहेड़ी चीनी मिल से जुड़े किसानों का बीते दो साल से फंसा करीब 30 करोड का बकाया अब जल्द ही उन्हें मिल जायेगा। इस सम्बंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने किसानों के पक्ष में अपना फैसला दिया है। बहेड़ी चीनी मिल से जुड़े किसानों का यह बकाया पेराई सत्र 2015-16 में आपूर्ति किये गये गन्ने का है। सम्बंधित चीनी मिल ने अपरिहार्य कारणों से किसानों को उनके गन्ने का भुगतान नहीं किया। इसको लेकर मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चला गया। कानूनी पेंच से गन्ना किसानों की 30 करोड़ की धनराशि फंस गयी। प्रकरण को न्यायालय में चीनी मिल और मिल को वित्तीय सहायता देने वाले बैंक के वकील उलझाए हुए थे। अदालती मामला होने के कारण गन्ना किसान अपना बकाया पाने के लिए परेशान हो रहे थे। ऐसे में प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में प्रकरण को लाने के बाद उच्च न्यायालय में उसकी पैरवी में महाधिवक्ता को खड़ा कराया। सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को प्रकरण की वास्तविकता से अवगत कराया, तो मामला चीनी मिल मालिकों और उसे वित्तीय सहायता देने वाले बैंक के खिलाफ गया। श्री भूसरेड्डी ने बताया कि अब उच्च न्यायालय ने सम्बंधित प्रकरण में चीनी मिल पर बकाया 30 करोड़ की धनराशि का भुगतान गन्ना सोसायटी बहेड़ी को करने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि मिल में उत्पादित होने वाली चीनी की बिक्री से हासिल धनराशि पर पहला हक गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों का है। उन्होंने बताया कि अब चीनी मिल जल्द ही बकाया 30 करोड़ रूपए का भुगतान सोसायटी को कर देगी। इसके बाद सोसायटी से गन्ना किसानों को उनका बकाया मिल जायेगा।